अयोध्या। उत्तरप्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ही नहीं चाहती है कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। दास ने रविवार को कहा कि अयोध्या के विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला का पूजा-अर्चना तो हो ही रही है अब केवल मंदिर निर्माण के लिये भव्यता देनी है। जब प्रभु श्रीराम चाहेंगे अपने आप ही भव्य मंदिर का निर्माण हो जायेगा।
राजनीति करने का आरोप
विहिप पर मंदिर निर्माण की राजनीति का आरोप लगाते हुए धर्माचार्य ने कहा कि अयोध्या में कब का रामलला का मंदिर बन जाता लेकिन विश्व हिन्दू परिषद ने मंदिर नहीं बनने दिया। मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के कई अवसर सरकार ने भी खो दिए।
होते-होते रह गया समझौता
रामलला के पुजारी ने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिये हिन्दू संत-धर्माचार्य और मुस्लिम धर्माचार्यों के बीच समझौता होते-होते रह गया क्योंकि विहिप ने कहा था कि पहले अयोध्या फिर मथुरा और हमें फिर काशी चाहिये जिस पर मुस्लिम धर्माचार्य सहित सभी लोग भड़क गये और यह विवाद यहां तक आ गया। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र होता है तो मैं यहां तक तो जानता हूं कि नरेन्द्र मोदी ने कभी राम मंदिर निर्माण के बारे में किसी भी स्थान पर किसी भी सभा में यह बात नहीं कही है, लेकिन हां उन्होंने जय श्रीराम के नारे जरूर लगवाए हैं। मंदिर नहीं बना को भाजपा चुनाव हारेगी।