नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के आवेदनों पर अपना आदेश सोमवार को सुरक्षित रख लिया। इस मामले में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, उनकी मां सोनिया गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी व धन की घपलेबाजी का आरोप लगाया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल आवेदनों पर 26 मई को आदेश सुनाएंगे। इन आवेदनों का सोनिया, राहुल और अन्य ने विरोध करते हुए दावा किया है कि इसमें कोई दम नहीं है। भाजपा नेता ने अपनी निजी फौजदारी शिकायत में राहुल और सोनिया तथा अन्य पर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए महज 50 लाख रुपए का भुगतान करके एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड से 90.25 करोड़ रुपए वसूल करने का अधिकार हासिल किया था।
यह रकम कांग्रेस पार्टी का एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड पर बकाया थी। अपने पहले आवेदन में भाजपा सांसद ने कांग्रेस से कुछ दस्तावेज मांगे थे। दूसरे आवेदन में स्वामी ने सोनिया और राहुल को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वे उनके द्वारा दायर कुछ दस्तावेजों को या तो स्वीकार करें या इसका खंडन करें कि वे मूल हैं या नहीं। तीसरे आवेदन में स्वामी ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह आयकर विभाग से संबंधित कुछ दस्तावेजों को रिकॉर्ड में ले।
आरोपों का किया खंडन...
सभी सात आरोपियों सोनिया, राहुल, मोतीलाल वोरा, आॅस्कर फर्नांडीज, सुमन दूबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन ने मामले में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। अदालत ने आरोपियों के अलावा यंग इंडियन को 26 जून 2014 को तलब किया था। अदालत ने 19 दिसंबर 2015 को सोनिया, राहुल, वोरा, फर्नांडीज और दुबे को जमानत दे दी थी। पित्रोदा को 20 फरवरी 2016 को जमानत दी थी, जब वे अदालत के समक्ष उपस्थित हुए थे।