नई दिल्ली। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में डिफेंस एक्सपो-2018 की शुरुआत हो गई है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चार दिवसीय एक्सपो का औपचारिक उद्घाटन किया। एक्सपो को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा हम अपने सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
चार दिन तक चलने वाले एक्सपो में रक्षा साजो-सामान बनाने वाली 670 से ज्यादा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। डिफेंस एक्सपो में ऐसे फाइटर प्लेन को लेकर समझौता हुआ है, जिससे चीन भी खौफ खाता है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा फाइटर प्लेन है, जो जमीन के साथ ही पानी पर भी लैंड कर सकता है। बुधवार को महिंद्रा ग्रुप ने ऐलान किया कि समुद्र से ही टेकआॅफ और लैंडिंग करने वाला विशेष मानवरहित एयरक्रॉफ्ट अब भारत में भी बन सकता है। यह काम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए सरकार की मेड इन इंडिया की नीति के तहत संभव है।
ऊंची समुद्री लहरों में भी करेगा आॅपरेशन- यूएस-2 को बेहद कठिन समुद्री अभियानों के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह समुद्र की तीन मीटर ऊंची उठती लहरों के बीच भी आॅपरेशन को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा यह किसी झील या नदी के किनारे पर भी लैंडिंग करने में सक्षम है। इसके अलावा वजन ले जाने की इसकी क्षमता भी अधिक है। जापान की शिनमाया इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर यासुओ कावानिशी ने कहा कि यह विशेष तरह का एयरक्रॉफ्ट है, जो भारत की स्थितियों के लिए अनुकूल है। समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए यूएस-2 काफी उपयोगी साबित होगा।
भारत ने किए कई करार
महिंद्रा की ओर से इन एयरक्रॉफ्ट्स के मेंटेनेंस के लिए रिपेयरिंग और ओवरहॉलिंग यूनिट्स भी स्थापित की जाएंगी। यह एमओयू ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत और जापान भारतीय नेवी के लिए जरूरी कहे जा रहे यूएस-2 के निर्माण को लेकर चर्चा कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए न सिर्फ कड़े फैसले लिए हैं, बल्कि 110 फाइटर एयरक्रॉफ्ट्स के लिए करार भी किया है।