नई दिल्ली। तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली का शनिवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। केपी ओली अपनी पत्नी राधिका शाक्या के साथ भारत दौरे पर शुक्रवार को पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दोस्ती को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, 'दोस्ती सबसे महत्वपूर्ण है और दोस्ती के साथ कोई तुलना नहीं है। कोई भी संधि, समझौता सब कुछ दोस्ती से शुरू होता है।
हमारे पड़ोसियों के साथ, विशेष रूप से भारत के साथ हम पहले दोस्ती की उम्मीद करते हैं।'राष्ट्रपति भवन में ओली की मुलाकात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी हुई। ओली ने शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ बैठक की। बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, 'नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा से मिलकर आनन्दित हूं।' दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने के लिए ओली आज मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल-स्तर की वार्ता करेंगे। अपनी यात्रा के तीसरे दिन नेपाली प्रधानमंत्री उत्तराखंड के पंतनगर में जी बी पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी जाएंगे।
नेपाल में चीन के बढ़ते दखल और खुद ओली के चीन के प्रति झुकाव के मद्देनजर उनकी भारत यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है। फरवरी में नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के बाद यह ओली का पहला विदेश दौरा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उनके इस दौरे से भारत और नेपाल के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी मित्रतापूर्ण संबंधों को और बेहतर व प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी। वह यहां भारतीय व्यवसायियों, उद्योगपतियों, बुद्धिजीवियों और यहां रह रहे नेपाल के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री ओली का झुकाव चीन की ओर रहा है और ऐसे में यह भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है। नेपाल में ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन ही नहीं, पाकिस्तान भी इस हिमालयी देश से करीबी संबंध बनाने की कोशिश में जुटा है, जिससे भारत चौकन्ना है। इसी सिलसिले में बीते महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी नेपाल पहुंचे थे। ओली के चीन परस्त रुख और बीजिंग तथा इस्लामाबाद के साथ इसकी बढ़ती नजदीकियों से भारत के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।