नई दिल्ली। केंद्र सरकार नौकरीपेशा वर्ग को एक बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों को उनकी ग्रेच्युटी से जुड़ी एक बड़ी खबर मिल सकती है। ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा पांच साल से घटाकर तीन साल की जा सकती है। लेबर मिनिस्ट्री इस मसले पर चर्चा कर रही है और माना जा रहा है कि इंडस्ट्री के साथ तीन साल की समय सीमा पर सहमति बन रही है।
हालांकि लेबर यूनियन ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा को और कम करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर सभी पक्षों से बातचीत चल रही है और इस संबंध में कोई फैसला जल्द ही ले लिया जाएगा। लेबर मिनिस्ट्री से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नियमित कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की समय सीमा कम होना अब बस समय की बात रह गई है, क्योंकि तकनीकी रूप से अब इसे कम करना ही होगा।
सेवा के अनुपात में मिलेगी ग्रेच्युटी
सरकार ग्रेच्युटी के लिए किसी एस्टीबलिशमेंट पर कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा में भी बदलाव पर विचार किया जा रहा है।
फिक्स्ड टर्म एम्प्लायमेंट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जिसमें ये प्रावधान है कि फिक्स्ड टर्म कर्मचारी को भी नियमित कर्मचारी की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी चाहे वो ग्रेच्युटी ही क्यों न हों।
फिक्स्ड टर्म कर्मचारी को पांच साल की अवधि पूरा न होने के बावजूद भी ग्रेच्युटी का बेनिफिट मिलेगा। हालांकि यह उसकी सेवा के समय सीमा के अनुपात में होगा।
नोटिफिकेशन में यह है
फिक्स्ड टर्म एम्प्लायमेंट पर जारी किए गए गैजेट नोटिफिकेशन के शेड्यूल एक ए, के पैराग्राफ तीन के मुताबिक फिक्स्ड टर्म कर्मचारी को भी स्थायी कर्मचारी को मिलने वाली सारी सुविधाएं और लाभ मिलेंगे। साथ ही वह स्थायी कर्मचारी के लिए उपलब्ध सभी कानूनी लाभों को भी उसके द्वारा दी गई सेवा की अवधि के अनुसार आनुपातिक रूप से प्राप्त करने का हकदार होगा। भले ही उसकी नियुक्ति की अवधि कानून में अपेक्षित योग्यता (ग्रेच्युटी के संबंध में 5 साल) की अवधि तक नहीं बढ़ाई जाती है। इसका मतलब है कि कर्मचारी जितने समय काम करेगा उसके अनुपात में उसके ग्रेच्युटी की रकम भी दी जाएगी।