नई दिल्ली। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया जिसके कारण भी सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी और इस तरह बजट सत्र के दूसरे चरण में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। चार दिन के अवकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस सपा और बसपा के सदस्य नारे लगते हुए सभापति के आसन के पास पहुँच गए और वे हंगामा करने लगे। वे 'दलितों पर अत्याचार बंद करो' तथा 'मोदी सरकार- दलित विरोधी सरकार' के नारे लगा रहे थे। इस बीच रोज की तरह तेलगु देशम और अन्नाद्रमुक के सदस्य आंध्रप्रदेश तथा कावेरी का मुद्दा उठाते हुए
आसन के पास आ गए। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी होने लगी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि पूरा देश इस घटना को देख रहा है। आप लोगों को हंगामे से कोई फायदा नहीं होगा। आप लोग लोकतंत्र का माखौल उड़ा रहे हैं। मैं सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सहमत हूँ। इस बीच शोर शराबे में सम्बद्ध मंत्री पटल पर अपने दस्तावेज पेश करते रहे। उसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि जब सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है
तो विपक्ष क्यों हंगामा कर रहा है। हम भ्रष्ट्राचार निरोधक संसोधन विधेयक, मोटर वाहन विधेयक, स्टेट बैंक संसोधन विधेयक पारित करना चाहते हैं लेकिन विपक्ष छोटे-छोटे मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा आपलोग सदन को चलने क्यों नहीं देते। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। तब नायडू ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।