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इराक से आज लाए जाएंगे 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 2 2018 10:13AM | Updated Date: Apr 2 2018 10:13AM
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नई दिल्ली। इराक में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों द्वारा मार डाले गए 39 भारतीयों के पार्थिव अवशेष देश वापस लाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह एक अप्रैल को इराक रवाना हुए और दो अप्रैल को पार्थिव अवशेष लेकर लौटेंगे। सभी अवशेषों को भारतीय वायुसेना की मदद से सबसे पहले अमृतसर लाया जाएगा, फिर पटना और कोलकाता ले जाया जाएगा।
 
इराक के मोसुल से अगवा कर बादुश में मार डाले गए इन लोगों में से 31 पंजाब के थे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सभी अवशेषों के डीएनए मिलान का काम पूरा कर लिया गया है। इराक के एक स्वयंसेवी संगठन मारटियर फाउंडेशन ने वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर इन अवशेषों के डीएनए मिलान का काम किया है। इस संस्था के प्रमाणपत्र के साथ अवशेष लाए जाएंगे।
 
39 भारतीयों की कर दी गई थी हत्या
 
बताते चलें कि इराक में भवन निर्माता कंपनी के लिए काम करने गए 40 भारतीयों को मोसुल से आईएस के आतंकियों ने अगवा कर लिया था। उनमें से एक खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बताया और बच निकलने में कामयाब रहा। शेष 39 भारतीयों को बादूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
 
इन सभी की हत्या की पुष्टि होने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में इस बाबत एलान किया था। 2015 के जून में अगवा किए गए भारतीयों के डीएनए जांच से आतंकी संगठन की दरिंदगी की पुष्टि हुई थी। इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय के फोरेंसिक विभाग ने बादुश गांव से मिले भारतीयों के शवों के डीएनए की जांच की थी। विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर जैद अली अब्बास ने बगदाद में भारतीय दूतावास से अधिकारियों से कहा था कि अधिकतर शवों के सिर में गोली मारे जाने के निशान हैं।
 
तीन साल से खोजी अभियान चला रखा था
 
अगवा किए जाने के बाद इन लोगों के मारे जाने की पुष्टि के लिए सबूत ढूंढने के लिए भारत सरकार ने बीते तीन साल से खोजी अभियान चला रखा था। संसद में सुषमा स्वराज ने सभी के पार्थिव अवशेष ढूंढने की पूरी जानकारी दी। 
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