नई दिल्ली। लगातार लीक होने की खबरों के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर करारा तंज कसा है। पहले डाटा लीक, फिर डेट लीक और पेपर लीक पर बीजेपी चौतरफा घिर गई है। इसके पहले डाटा लीक के बाद नमो ऐप और विथआईएनसी ऐप पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं। ऐप के जरिए लोगों की खुफिया जानकारियां लीक करने का दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिस तरह से डाटा लीक हो रहे हैं, ऐसे में इस सरकार का नाम डाटा लीक सरकार कर देना चाहिए।
ऐप के जरिए डाटा लीक का आरोप
सिंघवी का आरोप है कि मोदी सरकार नमो ऐप के जरिए आम लोगों की सहमति के बिना डेटा बेस बना रही है। सिंघवी ने कहा कि 13 लाख एनसीसी कैडेट्स को जबरन उनका डाटा बताने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी किसी व्यक्ति को उसकी गोपनीय जानकारी बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।
जस्टिस बीएन श्रीकृष्णन की अगुवाई में बनी समिति पहले ही कह चुकी है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बड़े पैमाने पर लोगों का पर्सनल डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। दो पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज ने लोगों का आधार डाटा लीक कर दिया. शिकायत होने के बाद भी इस संबंध में कुछ नहीं किया गया। सिंघवी का आरोप है कि इस सरकार ने आईटी का मतलब इन्फॉरमेशन टेक्नॉलाजी से बदलकर आइडेंटिटी थेफ्ट कर दिया है। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के राइट टू प्राइवेसी के मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे डाटा कलेक्शन के फॉर्म पर रोक लगानी चाहिए।