नई दिल्ली। दिल्ली की शान बनी दिल्ली मेट्रो रेल की विभिन्न निर्माण परियोजनाओं में पिछले तीन साल के दौरान दुर्घटनाओं में 31 मजदूरों की मौत हुई है और सात गंभीर रूप से घायल हुए है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के आंकड़ों के अनुसार मेट्रो रेल की विभिन्न परियोजनाओं में अलग अलग स्थलों पर हुई दुर्घटनाओं में पिछले तीन साल के दौरान 31 श्रमिक मारे गए हैं और सात गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आंकडों में गंभीर रूप से घायल उन्हें माना गया है जिनका अंगभंग हो गया है और वे निर्माण गतिविधियों में काम नहीं कर सकते। आंकड़ों में बताया गया है कि वर्ष 2015 में सात, वर्ष 2016 में 14 और वर्ष 2017 में 10 निर्माण श्रमिक दिल्ली मेट्रो रेल परियोजनाओं पर हुई दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। डीएमआरसी ने श्रमिक कल्याण कोष से प्रत्येक मृतक श्रमिक से चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
इसी तरह से गंभीर रुप से घायल छह श्रमिकों को भी वित्तीय मदद दी गयी है। एक घायल मजदूर को वित्तीय मदद देने की प्रक्रिया अभी शुरु नहीं हो पायी है। डीएमआरसी निर्माण स्थल पर दुर्घटना में अपंग होने वाले श्रमिकों को भी मदद देती है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार डीएमआरसी अपनी निर्माण परियोजनाओं में कार्यरत निर्माण मजदूरों का लेखा जोखा नहीं रखती है। श्रमिकों की कल्याणकारी योजनाओं की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार कंपनी की है जिसके तहत ये निर्माण श्रमिक दिल्ली मेट्रो रेल के लिये काम करते हैं। वर्ष 2016-17 के दौरान डीएमआरसी ने 7755.57 करोड़ रुपए निर्माण परियोजनाओं पर खर्च किये गये है जिसमें से मात्र लगभग 24 करोड़ रुपए भवन निर्माण श्रमिक कल्याण कोष में जमा कराये गये। केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार कुल निर्माण लागत का एक प्रति हिस्सा भवन निर्माण श्रमिक कल्याण कोष में होगा।