नई दिल्ली। गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे सोमवार को आएंगे। नतीजे आने के पहले हुए एग्जिट पोल में दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है। गुजरात के चुनाव परिणाम पर देशभर की नजरें टिकी हैं। भाजपा व कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी जिससे चुनावी रंगत पूरे शबाब पर पहुंच गई। भाजपा की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में थे तो कांग्रेस की कमान राहुल गांधी ने संभाली ली। गुजरात चुनाव मोदी के लिए काफी अहम है, क्योंकि यह उनका गृह राज्य है।
परिणाम पर दिख सकता है इन पांच बातों का असर
पाटीदार आंदोलन
पाटीदार समुदाय गुजरात में आर्थिक और राजनीतिक तौर पर काफी अहम भूमिका रखता है। पिछले दो साल से पाटीदार समुदाय के लोग शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। गुजरात की कुल जनसंख्या में 12 फीसदी पाटीदार हैं। प्रदेश की 182 विधानसभा सीटों में से एक तिमाही सीटों को पाटीदार समुदाय प्रभावित कर सकता है। अभी तक पाटीदार समुदाय को भाजपा का वफादार माना जाता था, लेकिन हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार समुदाय का एक समूह कांग्रेस की तरफ चला गया।
जीएसटी और नोटबंदी
कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में जीएसटी और नोटबंदी के मुद्दे को भुनाने की काफी कोशिश की थी। कांग्रेस का कहना था कि जीएसटी और नोटबंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिली थी। जीएसटी के मुद्दे को कांग्रेस ने व्यापारी वर्ग में काफी उठाने की कोशिश की थी।
सत्ता विरोधी लहर
गुजरात में भाजपा पिछले 22 साल से सत्ता में है। ऐसे में इस बार चुनाव के दौरान प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर भी देखने को मिली। कांग्रेस ने इस विरोधी लहर को भुनाने की कोशिश भी की। प्रचार में कांग्रेस ने बेरोजगारी, शिक्षा और अन्य मुद्दे उठाकर ‘गुजरात विकास मॉडल’ पर सवाल उठाए थे।
मोदी की लोकप्रियता
गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह प्रदेश है, जहां उनकी लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। हालांकि, प्रचार के दौरान कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा और भाजपा पर आरोप लगाया कि पिछले 22 वर्षों में प्रदेश में कोई काम नहीं हुआ है। लेकिन भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अस्मिता जुड़ी है, उस चुनाव में गुजरात के लोग उन्हें नीचा नहीं दिखा सकते।
मणिशंकर अय्यर का विवादित बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के ‘विवादित बयान’ को गुजरात की अस्मिता से जोड़ दिया था। इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस नेताओं की ‘देशभक्ति’ पर सवाल भी उठाए थे। भाजपा ने आरोप लगाया था अय्यर के घर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में गुजरात चुनाव पर चर्चा की थी। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में काफी जुबानी जंग देखने को मिली थी।
हिमाचल में हर पांच साल में बदल जाती है सरकार
शिमला। हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजे आने में महज अब कुछ घंटे ही बाकी रह गए हैं लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा दोनों ही अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 साल से यह इतिहास रहा है कि हर पांच साल बाद चुनाव में यहां की सरकार बदल जाती है।
चुनाव खत्म होने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए किए गए एग्जिट पोल में यह दिखाया गया है कि भाजपा यहां की कुल 68 में से 47 सीटों पर शानदार जीत दर्ज कर सत्ता में आ रही है जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 20 सीटें दी गई है। लेकिन, कांग्रेस ने इस एग्जिट पोल को पूरी तरह से नकार दिया है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जो वहां के लोगों के मूड को अच्छी तरह से भांप सकते हैं उन्होंने कहा- चुनाव को लेकर जो अनुमान लगाया गया है, वास्तविक परिणाम इसके ठीक उलट आएगा। उन्होंने कहा- मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि हम सत्ता में वापसी कर रहे हैं और भाजापा की तरफ से जो दावे किए जा रहे हैं वह पूरी तरह से गलत साबित होंगे।