नई दिल्ली। अपनी 37वीं मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाई गई दिवाली को वह कभी नहीं भूलेंगें। मोदी ने महापर्व छठ का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि मारे देश में सबसे अधिक नियम निष्ठा के साथ मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। जिसमें खान-पान से लेकर वेशभूषा तक, हर बात में पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है। छठ-पूजा का अनुपम-पर्व प्रकृति से और प्रकृति की उपासना से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। सूर्य और जल, महापर्व छठ की उपासना के केंद्र में हैं, तो बांस और मिट्टी से बने बर्तन और कंदमूल, इनकी पूजन-विधि से जुड़ी अभिन्न सामग्रियां हैं। आस्था के इस महापर्व में उगते सूर्य की उपासना और डूबते सूर्य की पूजा का सन्देश अद्वितीय संस्कार से परिपूर्ण है।
सिस्टर निवेदिता को याद किया पीएम मोदी ने
सिस्टर निवेदिता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया। 1899 में जब प्लेग हुआ तब उन्होंने सफाई का काम किया। उन्होंने स्वास्थ्य की चिंता किए बिना काम किया। वह आरामदायक जीवन जी सकती थीं लेकिन उन्होंने सेवा का रास्ता चुना।
कॉलर के सवाल के जवाब में यह बोले पीएम...
एक कॉलर के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज बड़ा आश्चर्य होता है कि जब सुनते हैं कि बच्चों को भी डायबिटीज होता है। पहले ऐसे रोगों को राजरोग कहा जाता था क्योंकि ये संपन्न और ऐशोआराम वालों को हुआ करती थीं। लेकिन युवा उम्र में ये बीमारियां होने की वजह खान पान के तरीकों में बदलाव और जीवन शैली में बदलाव के चलते हैं। हमें अपनी आदतें बदलने की जरूरत है। उन्होंने चिल्ड्रन्स डे पर बच्चों की शुभकामनाएं दीं। आयुर्वेद और योग को उपचार के तौर पर न देखें बल्कि जीवन का हिस्सा बनाएं।
बोले, खेल से आ रहीं शानदार खबरें...
भारत ने एशिया कप हॉकी का खिताब जीता है और पिछले दिनों खेल जगत से अच्छी खबरें आई हैं। बैडमिंटन स्टार किंदाबी श्रीकांत ने डेनमार्क ओपन खिताब जीतकर हर भारतीय को गौरव से भर दिया. फीफा यू 17 का आयोजन हुआ। मैं भी इस इवेंट में शामिल हुआ। खिलाड़ियों के जज्बे को देखकर दंग रह गया था। सबने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
बोले, गुरु नानक जंयती मनाएंगे
पीएम मोदी ने कहा कि 4 नवंबर को गुरुनानक जयंती मनाएंगे। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जयंती है। पटेल ने आधुनिका भारत की नींव रखी। पटेल ने देशवासियों को एक नय़ी शक्ति दी। जहां जरूरी हुआ वहां बल प्रयोग भी दिया।
इस कार्यक्रम के लिए जनता से अपने विचार मांगे थे..
ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर यह कार्यक्रम प्रसारित होता है। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर इस कार्यक्रम के लिए जनता से अपने विचार और सुझाव भी मांगे थे।