गुवाहाटी। असम में सेना के एक रिटायर्ड अफसर को 30 साल देश की सेवा करने के बाद अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। मोहम्मद अजमल हक नाम के इस रिटायर्ड जेसीओ के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। इन पर अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप लगाया गया है और इन्हें बंग्लादेश का अवैध प्रवासी बताया गया है। अब इस मामले की सुनवाई विदेशी मामलों की ट्राइब्यूनल में 13 अक्टूबर को होनी है। खास बात ये है कि तीन साल पहले इनकी पत्नी पर भी ऐसा ही आरोप लगाकर नोटिस भेजा गया था, लेकिन जांच के बाद आरोपों को सही नहीं पाया गया।
हक कहते हैं, अगर मैं अवैध प्रवासी हूं तो फिर मैंने भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी। मैं बहुत दुखी हूं। 30 साल देश की सेवा करने का मुझे ये इनाम मिला है। मेरी पत्नी को भी इसी तरीके से प्रताड़ित किया गया था।'
बता दें कि हक की पत्नी मुमताज बेगम को इसी ट्राइब्यूनल ने 2012 में तलब कर नागरिकता साबित करने को कहा था। हक के मुताबिक, उस वक्त वह चंडीगढ़ में तैनात थे। यहां गौर करने वाली बता यह भी है कि जिस हलफनामे में उन्हें भारतीय नागरिक माना गया है, उसमें हक का नाम उनके पति के रूप लिखा हुआ है।