नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी आशीष कुलकर्णी ने शुक्रवार को यह कहते हुए अपने पद इस्तीफा दे दिया है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की अफवाहें उड़ा रहे हैं और पार्टी अपनी नीति से हटकर कश्मीर में अलगाववादियों के प्रति सहानुभूति का रुख अपना रही है।
कुलकर्णी 2009 से कांग्रेस के "वार रूम" सेंटर के सदस्य रहे हैं और उन्हें राहुल का करीबी माना जाता रहा है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने राहुल को भेजे तीन पेज के इस्तीफे में कहा है कि पार्टी के कुछ दिग्गज नेता 2014 के आम चुनावों में हार का कारण नहीं तलाश पा रहे है। इसलिए वे हार की जिम्मेदारी राहुल गांधी पर डालना चाहते हैं और श्रीमती वाड्रा का नाम जानबूझकर कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर उछाल रहे हैं। कुलकर्णी ने कहा कि इन अफवाहों से वरिष्ठ नेताओं का मकसद राहुल के नेतृत्व में अविश्वास की भावना पैदा करना है।
कुलकर्णी ने कश्मीर और जेएनयू जैसे मुद्दों पर पार्टी के रुख से असहमति जताते हुए लिखा है कि पार्टी अपने मध्यमार्ग से हट रही है। वह धुर वामपंथी और कश्मीर में अलगाववादियों का समर्थन कर वाम विचारधारा की ओर जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रमुख आर्थिक मुद्दों, विदेश नीति और विकास पर कांग्रेस के भीतर कोई विचार विमर्श नहीं होता है। पार्टी में बदलाव और लोकतंत्र लाने के राहुल के प्रयास असफल हो गए हैं। केवल विशेष लोगों और धनबल वाले लोगों को ही पार्टी में वरीयता मिलती है।
उन्होने पत्र में लिखा है, "हम पार्टी में कुशल प्रबंधन का ढांचा बनाने में विफल रहे हैं। पार्टी अनिर्णय की स्थिति के कारण महाराष्ट्र, असम, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हारी है तथा यही स्थिति हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावों में दोहरायी जा रही है।"