नई दिल्ली। चीनी सेना की लद्दाख में घुसपैठ की जानकारी से चीन ने इनकार कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हू चुन्नींग ने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएलए सैनिक अक्सर वास्तविक सीमा रेखा पर पेट्रोलिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन हमेशा से भारत और चीन सीमा पर शांति चाहता है। हमारा भारत से आग्रह है कि वास्तविक सीमा रेखा पर नियमों का पालन करते हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच लेह के चुसुल में फ्लैग लेवल मीटिंग होगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के समकक्ष अधिकारी चुसुल में इस मुद्दे पर गतिरोध खत्म करने का प्रयास करेंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। पीएलए ने लद्दाख की मशहूर पानगोंग झील के किनारे भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों की कोशिश को नाकाम कर दिया।
उन्होंने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से के पास हमेशा गश्त करते हैं। उन्होंने कहा, चीन भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हु ने कहा, हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह एलएसी और दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक संधियों का पालन करे। लद्दाख में यह टकराव ऐसे समय में हुआ है जब भारत एवं चीन के बीच पिछले 50 से अधिक दिनों से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में गतिरोध बना हुआ है। यह गतिरोध उस समय आरंभ हुआ था जब भारतीय सेना ने चीनी सेना को क्षेत्र में सड़क का निर्माण करने से रोका था।
मंगलवार सुबह लद्दाख इलाके में पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ था। गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए। घुसपैठ की कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। पत्थरबाजी से दोनों तरफ सैनिकों को हल्की चोटें आने की खबर है। बुधवार को अब इसी मुद्दों पर बैठक चल रही है।
पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक दो इलाकों फिंगर फोर और फिंगर फाइव में सुबह 6 से 9 के बीच भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों ही मौकों पर भारतीय जवानों ने उनकी कोशिश असफल कर दी। जब चीनी सैनिकों ने देखा कि उनकी कोशिश असफल हो गई है तब उन्होंने भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद भारतीय जवानों ने भी पत्थर फेंके।
घटना के कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई। चीनी सैनिक इस घटना में फिंगर फोर इलाके में घुसने में सफल हो गए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस धकेल दिया। इस इलाके पर दोनों अपना-अपना दावा करते रहे हैं. 1990 के दशक में भारत ने इस इलाके पर दावा किया था तो चीनी सेना ने यहां एक सड़क बनाकर इसे अक्साई चीन का हिस्सा बता डाला था। हालांकि बाद में भारत ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था।