नई दिल्ली। संसद में गुरुवार को विदेश नीति पर चर्चा हुई। इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विपक्षी दलों के आरोपों पर जोरदार प्रहार किया। डोकलाम विवाद पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि किसी समस्या का समाधान युद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय चर्चा से ही इस मुद्दे का समाधान निकलेगा।
ट्रंप को चुनौती
स्वराज ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वो देश के नेतृत्व से हालात को जानने के बजाय विदेशी राजदूत से मिलने चले जाते हैं। वहीं राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने का माद्दा है।
आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं
उन्होंने भारत-पाक रिश्तों पर कहा- रोडमैप एकतरफा नहीं चल सकता। आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकती। सुषमा ने कहा, कांग्रेस की विदेश नीतियां नाकाम रही हैं। आपने चीन के ग्वादर, हंबनटोटा और कोलंबो में पोर्ट बनाने का मुद्दा उठाया। आप बताइए कि जब चीन ने ये पोर्ट बनाया तो किसकी सरकार थी?
बुरहान को शहीद बताने पर बिगड़े हालात
सुषमा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर नवाज शरीफ के जन्मदिन में शामिल होने गए। ये हमारे संबंध का नजीर था। सुषमा ने कहा कि बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब पाकिस्तान में नवाज शरीफ ने उसे शहादत बताया तो हालात बिगड़े।
नेहरू ने सम्मान कमाया, मोदी ने दिलाया
उन्होंने कहा, नेहरू ने देश का मान बढ़ाया, ये सच है। नेहरू ने व्यक्तिगत तौर पर सम्मान कमाया और मोदी ने देश को सम्मान दिलाया। मोदी ग्लोबल एजेंडा तय करने वाले पीएम हैं। आज रूस और अमेरिका हमारे साथ ह। जो कि विदेश नीति की सफलता है।
इजरायल-फिलिस्तीन हमारे दोस्त
सदन में सुषमा ने बताया कि आज इजरायल हमारा अच्छा दोस्त है लेकिन हम फिलिस्तीन को भी नहीं भूलेंगे। ये हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि मैं खुद पहले फिलिस्तीन गई फिर उसके बाद इजरायल गई थी। उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति की ही सफलता है कि आज रूस और अमेरिका भी हमारे साथ है।