26 Apr 2024, 13:24:29 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

मेरी लंबी बातों पर लोगों ने की शिकायत, अब 50 मिनट ही बोलूंगा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 30 2017 10:02AM | Updated Date: Jul 30 2017 1:15PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

 नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 34वीं बार आकाशवाणी से 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से अपने विचार साझा किया। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने देशवासियों को नमस्कार के साथ किया। उन्होंने कहाकि मनुष्य का मन ही ऐसा है कि वर्षाकाल मन के लिए बड़ा लुभावना काल होता है। लेकिन कभी-कभी वर्षा विकराल रूप लेती है।
 
कुछ दिनों से भारत के कुछ हिस्सों में विशेषकर असम,नार्थ-ईस्ट, गुजरात, राजस्थान, बंगाल,अति-वर्षा के कारण प्राकृतिक आपदा झेलनी पड़ी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पूरी मॉनिटरिंग हो रही है। व्यापक स्तर पर राहत कार्य किए जा रहे हैं। आपदा के समय भारतीय सेना के जवान हों, एनडीआरएफ के लोग हों, हर कोई पीड़ितों की सेवा करने में जी-जान से जुड़ जाते हैं। 
 
उन्‍होंने आगे कहा - इन दिनों तो हमने इंश्‍योरेंस कंपनियों को और विशेष करके क्रॉप इंश्‍योरेंस कंपनियों को भी प्रोएक्टिव होने के लिए योजना बनाई, ताकि किसानों को क्‍लेम सेटलमेंट तुरंत हो सकें और बाढ़ की परिस्थितियों को निपटने के लिए 24 घंटे और सातों दिन काम चल रहा है।
 
पीएम ने कहा कि कई लोगों ने उनसे शिकायत की कि उनके 15 अगस्त के भाषण काफी लंबे होते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों कि शिकायतों को ध्यान में रखते हुए वह इस बार अपना भाषण 40 से 50 मिनट में समेटने की कोशिश करेंगे। 
 
प्रधामंत्री ने कहा कि इस बार जीएसटी को लेकर के इतनी चिट्ठियां आई हैं, इतने सारे फोन कॉल आए हैं। एक फोन कॉल मैं आपको भी सुनाता हूं। जीएसटी के लागू हुए क़रीब एक महीना हुआ है और उसके फ़ायदे दिखने लगे हैं। जीएसटी ने हमारी अर्थव्यवस्था पर एक बहुत ही सकारात्मक प्रभाव और बहुत ही कम समय में उत्पन्न किया है। विश्व ज़रूर इस पर अध्ययन करेगा।
 
GSTApp पर आप भलीभांति जान सकते हैं कि जीएसटी के पहले जिस चीज़ का जितना दाम था, तो नई परिस्थिति में कितना दाम होगा। GSTApp पर आप भलीभांति जान सकते हैं कि जीएसटी के पहले जिस चीज़ का जितना दाम था, तो नई परिस्थिति में कितना दाम होगा। GST सिर्फ टैक्स रिफॉर्म नहीं है, एक नयी ईमानदारी की संस्कृति को बल प्रदान करने वाली अर्थव्यवस्था है।
 
पीएम ने कहा - 'मेरे प्यारे देशवासियो, अगस्त महीना क्रांति का महीना होता है। हमारी नई पीढ़ी को जानना चाहिए कि 9 अगस्त, 1942 को क्या हुआ था। 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ, अगस्त महीने में देश आजाद हुआ। इस साल हमें भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। इस आंदोलन में महात्मा गांधी के आह्वान पर लाखों भारतवासी जीवन को संघर्ष में झोंक रहे थे।
 
महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया लेकिन कई बड़े नेता जेल में थे। असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में महात्मा गांधी के दो अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं। 1857 से शुरू हुआ स्वतंत्रता संग्राम 1942 तक किसी न किसी रूप में चलता रहा।
 
2017 से 2022 संकल्प सिद्धि के वर्ष हैं। 2017 को संकल्प वर्ष के रूप में मनाएं तो 2022 तक सफलता दिखेगी। पांच साल में निर्णायक
परिणाम दिख सकते हैं। हमें संकल्प करना है, गंदगी- भारत छोड़ो, गरीबी- भारत छोड़ो, आतंकवाद- भारत छोड़ो, जातिवाद- भारत छोड़ो, सम्प्रदायवाद- भारत छोड़ो। मैं युवा साथियों को, युवा मित्रों को, आमंत्रित करता हूँ कि नए भारत के निर्माण में वे नए तरीके से योगदान के लिए आगे आएं।
 
उन्‍होंने कहा कि 15 अगस्त, देश के प्रधान सेवक के रूप में मुझे लाल क़िले से देश के साथ संवाद करने का अवसर मिलता है। पिछले तीन साल से लगातार 15 अगस्त के लिए देश के हर कोने से सुझाव मिलते हैं। मुझे सुझाव दिया गया है कि मैं 15 अगस्‍त का अपना भाषण छोटा करूं, जो काफी लंबा हो जाता है। इस बार मैंने सोचा है कि मैं लाल किले का भाषण छोटा करूं।
 
पर्व-त्‍योहारों के बारे में बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि त्योहार से रिश्तों में मिठास आती है, व्यक्ति से समाज को जोड़ते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में एक सामाजिक अर्थशास्त्र है, हमारे हर त्योहार, ग़रीब-से-ग़रीब की आर्थिक जिंदगी के साथ सीधा सम्बन्ध रखते हैं। राखी के साथ लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा होता है। त्योहार का संबंध हमारी अर्थव्यवस्था से है।
 
राखी बनाने वाले, बेचने वाले, मिठाई वाले- हज़ारों-सैकड़ों का व्यवसाय एक त्योहार के साथ जुड़ता है। दीपावली के दीपों का सीधा-सीधा सम्बन्ध छोटे-छोटे मिट्टी के दीये बनाने वाले ग़रीब परिवारों से है। सार्वजनिक गणेश उत्सव का एक महत्व है। यह वर्ष सार्वजनिक गणेशोत्सव का 125वां वर्ष है, इसे लोकमान्य तिलक जी ने शुरू किया था। 
 
साथ ही उन्‍होंने कहा, 'मुझे इसी सप्ताह उन सभी खिलाड़ी बेटियों से मिलने का मौक़ा मिला। उनसे बातें करके मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने इन बेटियों को कहा कि आप मन में से निकाल दीजिए कि आप सफल नहीं हुए हैं। मैच जीते या न जीते, आप ने सवा-सौ करोड़ देशवासियों को जीता है। मेरे प्यारे देशवासियो, फिर एक बार स्मरण कराता हूँ अगस्त क्रान्ति को, फिर एक बार स्मरण करा रहा हूं 9 अगस्त को। 
 
'मन की बात' कार्यक्रम प्रधानमंत्री कार्यालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा डीडी न्‍यूज के यू-ट्यूब चैनलों पर भी यह प्रसारित होता है। हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में भी इसका प्रसारण आकाशवाणी से किया जाता है। रात आठ बजे इस कार्यक्रम को क्षेत्रीय भाषाओं में दोबारा सुना जा सकता है। मन की बात का यह 34वां संस्करण है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर ब्रॉडकास्ट होने वाले इस प्रोग्राम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को हुई थी। ये अब तक 33 बार ब्रॉडकास्ट किया जा चुका है। वहीं, इस प्रोग्राम से अब तक ऑल इंडिया रेडियो यानी एआइआर को दो साल में करीब 10 करोड़ रुपए की कमाई हुई है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »