नई दिल्ली। डोकलाम में भारत और चीन के बीच जारी तनातनी पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़ा बयान दिया है। सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि डोकलाम से भारत अपनी सेना तभी पीछे हटाएगी जब चीन अपनी सेना को हटाएगी। सुषमा ने साफ शब्दों में कहा कि पहले चीन को अपनी सेना को पीछे हटाना होगा, उसके बाद ही भारत कोई कदम उठाएगा।
चीन की गतिविधियों पर भी सुषमा स्वराज ने सदन के सामने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जैसे ही पता चला कि OBOR में CPEC को शामिल किया जा रहा है, वैसे ही देश ने विरोध करना शुरू कर दिया। सुषमा स्वराज ने यह भी कहा कि अगर चीन सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई जंक्शन में कोई बदलाव करता है, तो ये हमारी सुरक्षा पर चैलेंज होगा।
संसद में मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने एच1बी वीजा का मुद्दा क्यों नहीं उठाया। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने ये बात उठाई और उन्होंने कहा कि केंद्र को इस तरह के बड़े मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
वहीं केंद्र की ओर से सफाई पेश करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि एच1बी वीजा का नाम नहीं लिया गया, लेकिन इस मुद्दे से जुड़ी कई अहम बातों पर पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच जिक्र हुआ। साथ ही पीएम मोदी ने ट्रंप को भारतीय इंजीनियरों की प्रतिभा का अहसास कराया और ये बताया कि वो अमेरिका की इकोनॉमी में किस कदर अहम भूमिका निभा रहे हैं।