नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के शुरू होने से ठीक पहले मोदी सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कदम उठाए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि अगर गौरक्षा के नाम पर हिंसा की जाती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बैठक में पीएम मोदी ने जीएसटी लागू करने में सभी दलों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
पीएम मोदी ने कहा, गो रक्षा के नाम पर कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राज्यों से सख्त कार्रवाई करने को कहा है। गौ रक्षा से जुड़े घटनाक्रम को राजनीतिक या साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, राष्ट्र को इससे कोई लाभ नहीं होगा।
पीएम ने बैठक में जीएसटी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। साथ ही सभी दलों से अपील की कि वे मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें।
बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, मुख्तार अब्बास नकवी, एस एस अहलूवालिया, अपना दल अनुप्रिया पटेल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अकाली दल के गुजराल, बीजेडी से भृतहरि महताब, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, लोजपा नेता चिराग पासवान, एनसीपी नेता शरद पवार, सपा नेता मुलायम सिंह, नरेश अग्रवाल, सीपीआई के डी राजा शामिल हुए। आरजेडी से जेपी यादव, आरपीआई रामदास अठावले, उपेंद्र कुशवाहा, एनसी से फारूख अब्दुल्ला, जेडीएस से देवेगौड़ा के अलावा अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नवी आज़ाद ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग सरकार द्वारा बुलाई गई। ऑल पार्टी मीटिंग में हमने कुछ मांग की है। कश्मीर पर सदन में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन का भी जिक्र और चर्चा होना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा पर कश्मीर पर जो हालात खराब हुए हैं उसमें सरकार ने बातचीत के सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं।