नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के माफीनामे को नामंजूर कर दिया। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अनुराग ठाकुर को बिना शर्त माफी मांगने का आदेश दिया।
शीर्ष कोर्ट ने 14 जुलाई को BCCI के पूर्व अध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का आदेश देते हुए उन्हें सख्त हिदायत दी कि माफीनामे की भाषा एकदम स्पष्ट होनी चाहिए और इसमें किसी तरह का घालमेल नहीं होना चाहिए।
दरअसल, शीर्ष कोर्ट ने अनुराग से कहा था कि अगर उनके खिलाफ यह साबित हो जाता है कि उन्होंने BCCI में सुधार पर अड़ंगा नहीं लगाने की झूठी शपथ ली है तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है।
अनुराग ठाकुर ने इस मामले में कोर्ट से माफी मांगी थी। शीर्ष कोर्ट उनके खिलाफ मुकदमा वापस लेने को तैयार है, लेकिन माफी की भाषा स्पष्ट होनी चाहिए।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में अनुराग ने कहा था, ''उनका कतई भी ऐसा इरादा नहीं था। अगर इस तरह का नजरिया बन रहा है तो वह इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।" अनुराग ठाकुर के इस हलफनामे को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है।
दरअसल पिछले साल 15 दिसंबर को कोर्ट ने कहा था कि ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना और झूठी गवाही का मामला बनता है। उन्होंने ICC को चिट्ठी लिखकर बोर्ड में सुधारों की प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने की कोशिश की थी। ठाकुर ने इस बात से इन्कार किया था कि उन्होंने ICC चेयरमैन शशांक मनोहर को ऐसा कोई पत्र लिखा था।