नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया भर में एक बार फिर से बड़ा साइबर अटैक हुआ है। ‘वानाक्राई’ रैनसमवेयर नामक इस खतरनाक वायरस ने पूरे यूक्रेन को ठप करने के साथ रूस, ब्रिटेन, यूरोप और अमेरिका समेम भारत के मुंबई स्थित कंटेनर पोर्ट जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट समेत कई बड़ी कंपनियों का कामकाज ठप हो गया। साइबर अटैक का सबसे ज्यादा यूक्रेन में हुआ, जहां सरकारी मंत्रालयों, बिजली कंपनियों और बैंक के कंप्यूटर सिस्टम में बड़ी खराबी आई है। । हालांकि भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख गुलशन राय ने किसी भी तरह की शिकायत मिलने से इनकार किया है।
यूक्रेन पर सबसे ज्यादा प्रभावित
यूक्रेन का सेंट्रल बैंक, सरकारी बिजली वितरक कंपनी, विमान निर्माता कंपनी एंतोनोव और डाक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव की मेट्रो में पेमेंट कार्ड काम नहीं कर रहे हैं। कई पेट्रोल पंपों का काम-काज रोकना पड़ा है।
फिरौती की मांग
यूक्रेन की एक मीडिया कंपनी के अनुसार साइबर हमलावरों ने सिस्टम की फाइलों को फिर से अनलॉक करने के लिए 300 डॉलर बिटक्वाइन की मांग की है। अमेरिका में एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 1710 डॉलर है।
क्या है पेट्या या पेट्रवैप?
सरे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ऐलन वुडवर्ड के मुताबिक, यह रैनसमवेयर 2016 की शुरुआत में सामने आया था. इसमें अपराधी न सिर्फ सारी फाइलों को एनक्रिप्ट कर देते हैं, बल्कि वे ऑपरेटिंग सिस्टम के एक हिस्से पर हमला करते हैं, जिसे मास्टर फाइल टेबल (एमएफ़टी) कहा जाता है। एमएफटी सिस्टम के लिए यह जानने के लिए जरूरी है कि कंप्यूटर पर फाइलें कहां खोजनी हैं. अगर इसमें अड़चन आ जाए तो इससे भी सारी फाइलें लॉक हो जाती हैं।
ऐसे करें बचाव
- कंप्यूटर में एंटी वायरस प्रोग्राम और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें।
- अज्ञात स्रोत से आए ईमेल को ना खोलें। इस मेल से भेजे गए अटैचमेंट और लिंक पर क्लिक न करें।
- मजबूत पासवर्ड बनाएं।
- अपने कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और फोल्डर्स को सुरक्षित रखने के लिए नियमित अंतराल पर उनका बैकअप लें। बैकअप किसी एक्सटर्नल हार्डडिस्क या सर्वर पर रखें।