नई दिल्ली। इस साल दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के दौरान देश में औसतन 98 फीसदी वर्षा होने की संभावना है जबकि मध्य भारत के हिस्सों में इसका प्रभाव 100 फीसदी रहेगा।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल के जी रमेश ने मानसून की बारिश का दूसरा अनुमान जारी करते हुए कहा कि इस बार देश में मानसून औसत 98 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि जून से सितबर के बीच मध्य भारत में इसका औसत 100 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में इसका औसत 96 प्रतिशत, मध्य भारत में 100 प्रतिशत,दक्षिणी प्रायद्वीप में 99 फीसदी और पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसदी रहने की संभावना है। इसमें ज्यादा से ज्यादा चार फीसदी का कम ज्यादा अंतर हो सकता है।
रमेश ने बताया कि कल से 15 जून के भीतर देश के लगभग सभी स्थानों पर अच्छी बरसात होने लगेगी। हालांकि मानसून के दूसरे चरण में अल नीनो का प्रभाव भी देखने को भी मिल सकता है पर इसके कमजोर रहने की संभावना है।
मौसम में अचानक होने वाले उग्र बदलाव को अल नीनो कहा जाता है। इसकी वजह से कहीं अनियमित बारिश हो जाती है तो कहीं भीषण गर्मी, तो कहीं सूखा, तो कहीं बाढ़ या चक्रवाती तूफान का प्रकोप हो जाता है। इन सभी आपदाओं की बड़ी वजह 'अल नीनो' को बताया जाता है।