नई दिल्ली। सरकारी वेबसाइट्स पर आधार का डेटा लीक होने के कई मामले सामने आ चुके हैं जिसके अब केंद्र सरकार ने इसकी सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। सरकार ने सभी मंत्रालयों को पूरे आधार डेटा और पर्सनल फाइनेंशल डीटेल्स को एनक्रिप्ट करने के लिए कहा गया है। साथ ही अधिकारियों को समझाया जा रहा है कि डेटा चोरी होने की स्थिति में किन कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अब सरकारी विभाग में आधार डेटा के सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी एक अधिकारी पर होगी।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फाॅर्मेशन टेक्नॉलजी ने सभी विभागों को बेहतर डेटा सिक्यॉरिटी के संबंध में नई गाइडलाइन्स भेजी हैं।
गौरतलब है कि 12 अंकों के यूनीक आइडेंटिटी नंबर 'आधार' को बायोमीट्रिक डेटा के आधार पर जारी किया जाता है। इसे लोगों के बैंक अकाउंट से लिंक किया गया है और सरकारी एजेंसियां विभिन्न योजनाओं के लाभ ट्रांसफर करने में इसे इस्तेमाल करती है।
आधार कार्ड और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित रखने और इसके प्रति जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से विभाग के अधिकारियों को डेटा नियमों के उल्लंघन के कानूनी परिणामों के बारे में गंभीरता से बताया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने सभी विभागों को डेटा के रखरखाव को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अब हर विभाग में एक अधिकारी नियुक्त होगा जो आधार संबंधी जानकारी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश दिये गए हैं कि अपने विभाग की वेबसाइट का तत्काल रिव्यु करें और सुनिश्चित करें किसी व्यक्ति की निजी जानकारी वेबसाइट पर न दिख रही हो।
डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सभी विभागों को 27 क्या करें (D0) और 9 क्या न करें (Don't) वाला दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें आधार कार्ड और बैंक डिटेल को गोपनीय बनाने और इसको इंक्रिप्टेड करने संबंधी निर्देश दिये गए हैं। सरकार ने नागरिकों के निजी डेटा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि समय-समय पर सुरक्षा संबंधी ऑडिट किया जाएगा।