नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख बीएस धनोवा ने सभी अधिकारियों को लिखी चिट्ठी लिखकर किसी भी समय युद्ध जैसी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। एयर चीफ मार्शल का पद संभालने के 3 महीने बाद इसे लिखा गया है। वायुसेना प्रमुख ने इसके जरिए अपनी बात भी सभी 12,000 अधिकारियों के सामने रखी है जिसमें उन्होंने पक्षपात और यौन शोषण जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया है। इस लेटर को सभी एयर फोर्स के इन अधिकारियों के पास भेजा जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले 1 मई, 1950 को तत्कालीन थलसेना प्रमुख केएम करिअप्पा और 1 फरवरी, 1986 को सेना प्रमुख जलसेना के. सुंदरजी ने ऐसा पत्र लिखा था।
ऐसा समझा जा रहा है कि धनुआ ने संभवत: पाकिस्तान की तरफ से जारी छद्म युद्ध की ओर इशारा किया है, जो कि जम्मू कश्मीर में जारी विरोध प्रदर्शनों और सैन्य कैंपों पर हमले की बढ़ी वारदातों में देखा जा सकता है। इसके अलावा यह भी माना रहा है कि धनोआ ने 'मौजूदा संसाधनों' का जिक्र वायुसेना में 'लड़ाकू बेड़े' की कमी की तरफ ध्यान दिलाने के लिए किया है। प्राप्त जानकारी के मताबिक, वायुसेना अपने पास लड़ाकू विमानों की 42 स्क्वाड्रन रखने के लिए अधिकृत है, जबकि उसके पास अभी बस 33 स्क्वाड्रन ही हैं।
उन्होंने लिखा है कि हमें खुद को नई-नई तकनीकी के साथ अपडेट रखना है इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इसके अलावा धनोवा ने प्रमोशन और असाइनमेंट को लेकर किए जा रहे पक्षपात के बारे में भी इस चिट्ठी में लिखा है। वायुसेना प्रमुख ने चेताते हुए कहा है कि किसी भी तरह का पक्षपात, यौन शोषण की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि अब हर एयरफोर्स स्टेशन को उनके ऑपरेशन के आधार पर आंका जाएगा।