27 Apr 2024, 01:47:33 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

मोदी ने की नई परंपरा, अब जनता से फोन पर पूछेंगे- कैसा चल रहा है काम!

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 2 2017 10:08AM | Updated Date: May 2 2017 2:51PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम लोगों से अपना सीधा संवाद और मजबूत करेंगे। अब वह सीधे किसी भी समय आम लोगों से चल रही सरकारी योजनाओं के बारे में सीधे फीडबैक ले सकते हैं। पीएमओ सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी कभी भी किसी को सीधे फोन कर उन्हें सरकार के कामकाज के बारे में बात कर सकते हैं। इसका स्वरूप क्या होगा अभी यह तय नहीं हुआ है लेकिन यह प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात का हिस्सा हो सकता है। 
 
पीएम ने शुरू की जनता से राय जानने की परंपरा
दरअसल मन की बात में अपने सुझाव देने के लिए लाखों लोग प्रधानमंत्री मोदी को फोन, ईमेल और अलग-अलग माध्यम से जुड़ते हैं। अभी उनमें से कई सुझाव का जिक्र पीएम मोदी अपने मन की बात के कार्यक्रम में भी करते हैं लेकिन सीधे बात करने से पीएम और आम लोगों के बीच दोतरफा संवाद शुरू होगा।
 
सूत्रों के अनुसार तीन साल पूरा करने की कगार पर खड़ी सरकार के बारे में आम लोग किस तरह सोच रहे हैं और वे किस तरह की योजना और बदलाव की अपेक्षा रखते हैं, इस बारे में फीडबैक लेने के काम को खुद पीएम मोदी लीड करेंगे। दरअसल पीएम मोदी ने इससे पहले भी कई मौकों पर जनता से संवाद कर उनसे मिले सुझावों को सरकार में जगह दी है। चाहे बजट में नए प्रस्ताव की बात हो या फिर नई योजनाओं को नाम देने का मामला, पीएम ने सभी मुद्दों पर जनता की राय मांगने की परंपरा शुरू की।
 
सभी मंत्रियों का काम पब्लिक डोमेन में
वहीं तीन साल पूरा होने के मौके पर पीएमओ तमाम मंत्रियों के कामकाज को पब्लिक डोमेन में डालेगी जिसमें बताया जाएगा कि किनके मंत्रालय में कितनी योजनाएं स्वीकृत हुर्इं और उन्हें पूरा करने में कितना प्रयास हुआ। पब्लिक डोमेन में डालने से किस मंत्री का कामकाज कैसा इस बारे में लोग जान सकेंगे।
 
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है कि वह इस धारणा को बदलना चाहते हैं कि मंत्रियों के कामकाज को आंका नहीं जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सभी मंत्रालयों के लिए पीएमओ एक रिपोर्ट बना रहा है, जिसके बाद संबंधित मंत्रालयों से बारी-बारी से पूछा जाएगा कि कुछ अहम प्रोजेक्ट में क्यों देरी हो रही है।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »