नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद विपक्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से गुरुवार को दिल्ली में मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच 2019 में लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ एक बड़े महागठबंधन को लेकर चर्चा हुई। बिहार में महागठबंधन का प्रयोग सफल रहा था। कांग्रेस उस महागठबंधन का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश में महागठबंधन नहीं बन पाया, जिसकी वजह से विपक्षी दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा। अब ये बात बसपा सुप्रीमो मायावती को भी समझ में आ गई है कि बिना गठबंधन किए मोदी के विजय रथ को नहीं रोक जा सकता। अखिलेश ने भी माया के साथ कांग्रेस को लेकर महागठबंधन के संकेत दिए हैं।
नीतीश अखिल भारतीय स्तर पर महागठबंधन में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.लेफ्ट के दलों के साथ भी नीतीश के अच्छे संबंध हैं। हालांकि कांग्रेस क्या संभावित गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका का दावा छोड़ेगी, ये बड़ा सवाल है। सवाल ये भी है कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का दावा छोड़ने को तैयार होंगे।
तमाम सवाल हैं लेकिन मोदी के सियासी डर की वजह से सभी दल एक साथ आने को तैयार दिख रहे हैं। हालांकि आपसी अहम और हितों का टकराव क्या एक बड़ा गठबंधन बनाने में आड़े नहीं आएगा ,ये देखना दिलचस्प होगा। इसी कड़ी में सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी को सलाह देते हुए कहा- नरेंद्र मोदी पर प्रतिक्रिया देने के बजाय हम लोगों को अपना एजेंडा खुद तय करना चाहिए। कमोबेश ऐसी ही सलाह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी नीतीश कुमार दे चुके हैं।