नई दिल्ली। समुद्री लुटेरों से घिरे एक व्यापारिक जहाज की मदद के लिए शनिवार रात भारत-चीन की नौसेनाएं आगे आई। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का सम्मान करते हुए दोनों देशों की नौसेनाओं ने जहाज को डाकुओं से बचाया और लुटेरों की कोशिश को नाकाम कर दिया। यह घटना अदन की खाड़ी में हुई।
चार भारतीय युद्धपोत मदद को आए आगे
नौसेना के मुताबिक तुवाला का व्यापारिक जहाज ‘ओएस 35’ पर समुद्री लुटरों ने 8 अप्रैल की रात को हमला किया था। हमला होते ही इस जहाज ने खतरे का सायरन बजा दिया। इसके बाद नौसेना के युद्धपोत आईएनएस मुंबई , तक्षक, त्रिशूल और आदित्य उसकी मदद के लिए निकल पड़े। नौसेना के युद्धपोत के कैप्टन ने अपहर्ता जहाज के कैप्टन से संपर्क किया तो पता चला कि कैप्टन ने अपने क्रू मैंबर के साथ खुद को एक स्ट्रांग रूम में बंद कर लिया है। इसके बाद नौसेना के हेलिकॉप्टर ने जहाज का हवाई मुआयना किया।
चीन ने भेजे अपने नौसैनिक
इसके बाद चीन ने भी अपने युद्धपोत को इस ऑपरेशन में लगा दिया। इस कार्रवाई में जहां चीन ने अपने बोट से नौसैनिक भेजे, वहीं भारतीय नौसेना ने हवाई सहयोग दिया। यहां पर मदद के लिए पाकिस्तान और इटली की नौसेना मौजूद थी। इसी दौरान डाकू डरकर जहाज से भाग गए।
जब जहाज के क्रू को पता चला कि समुद्री डाकू जहाज से भाग गए है तो वे स्ट्रांग रूम से बाहर निकले। इस जहाज के 19 क्रू मेंबर ने भारतीय नौसेना को मदद के लिए शुक्रिया कहा। वैसे अदन की खाड़ी में पहले समुद्री डाकूओं का आंतक था, लेकिन बाद में शांत हो गया था, लेकिन अब लगता है वो फिर से इलाके में सक्रिय हो रहे हैं।