नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘मेक इन इंडिया’ की धमक धीरे-धीरे दुनिया तक पहुंच रही है। प्रधानमंत्री मोदी की अपार मेहनत के बाद ‘मेक इन इंडिया’ रंग दिखाने लगी है। गुणवत्ता भरे उत्पादों की बात की जाए तो भारत में बने उत्पाद लोगों को दुनिया में काफी पंसद आ रहे हैं। जारी मेड इन कंट्री इंडेक्स (एमआईसीआई2017) में भारत उत्पादों की गुणवत्ता के मामले में चीन से सात पायदान ऊपर आ गया है। यूरोपीय यूनियन और दुनिया के 49 देशों को लेकर जारी इस इंडेक्स में भारत को 36 अंक मिले हैं, जबकि चीन को 28 से ही संतोष करना पड़ा है।
दुनियाभर के हजारों उपभोक्ताओं की संतुष्टि के आधार पर बनी रिपोर्ट
यह सर्वे दुनियाभर के 43,034 उपभोक्ताओं की संतुष्टि के आधार पर स्टैटिस्टा ने अंतरराष्ट्रीय शोध संस्था डालिया रिसर्च के साथ मिलकर किया है। यूरोपीय संघ समेत इस सर्वे में शामिल हुए 50 देश दुनिया की 90 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। सर्वे में उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा मानक, कीमत की वसूली, विशिष्टता, डिजायन, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, भरोसेमंद, टिकाऊपन, सही तरीके का उत्पादन और प्रतिष्ठा को शामिल किया गया है। इंडेक्स से साफ है कि घटिया और सस्ते उत्पादों के दम पर चीन भले ही दुनियाभर में अपनी बादशाहत दिखाता हो, लेकिन गुणवत्ता और भरोसे के मामले में वह भारत से काफी पीछे है।
ऐसे शुरू हुआ मेड इन लेबल
जिस तरीके से आज चीन अपने सस्ते और घटिया उत्पादों से दुनिया के बाजारों को पाट रहा है, तब इसी तरह की कारस्तानी के लिए जर्मनी कुख्यात था। भले ही आज उसके उत्पादों और इंजीनियरिंग का कोई सानी न हो, लेकिन तब वह भारी मात्रा में अपने घटिया और बड़े ब्रांडों की नकल करके बनाए उत्पादों को ब्रिटेन निर्यात कर रहा था। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था डांवाडोल होने लगी। लिहाजा ब्रिटेन ने नकली उत्पादों से बचने को मेड इन लेवल की शुरुआत की।