नई दिल्ली। सिर्फ फ्लैक्सी किराया प्रणाली से ही रेलवे के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती। इस बात पर जोर देते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रणाली की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी ताकि सीटों का अधिकतम उपयोग हो सके।
रेल मंत्री ने कहा कि हम फ्लैक्सी किराया प्रणाली की लगातार समीक्षा करेंगे और इस संबंध में रेलवे बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी। वहीं रेलवे के राजस्व में इजाफा भी मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि फिलहाल अन्य मेल, एक्सप्रेस गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली लागू किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से विकल्प योजना की शुरूआत की जा रही है। ताकि एक गाड़ी की प्रतीक्षासूची में शामिल यात्रियों से किराए का अंतर वसूल किए बिना उन्हें गाड़ियों की अन्य श्रेणियों में शिफ्ट किया जा सके।
रेलमंत्री ने कहा कि किसी साधारण मेल या एक्सप्रेस गाड़ियों में बुक किए गए यात्रियों को वैकल्पिक मेल या एक्सप्रेस या राजधानी, हमसफर, दूरंतो, शताब्दी ट्रेनों में उसी श्रेणी में सीट मुहैया किया जा सकता है। प्रभु राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 30 हजार करोड़ रूपए के नुकसान की भरपाई फ्लैक्सी किराया प्रणाली से नहीं हो सकती। इसलिए कुछ अच्छी व्यवस्था बनानी होगी।