नई दिल्ली। ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा। CJI की कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर शुक्रवार को जारी किया। शर्मा ने पांच राज्यों हुए चुनावों को मिली भारी जीत पर सवाल उठाया और कहा है वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। ऐसे ही आरोप बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लगाए हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश चुनाव नतीजों के बाद बसपा प्रमुख मायावती और पंजाब चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। दोनों का आरोप है कि भाजपा ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ कर उनके वोट ले लिए हैं, जिससे जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। हालांकि चुनाव आयोग दोनों नेताओं के आरोपों को नकार चुका है।
चुनाव आयोग का कहना है कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोप बेबुनियाद और बेतुके हैं। उन्हें चुनाव के दौरान किसी दल या प्रत्याशी की तरफ से छेड़छाड़ के सबूत नहीं मिले हैं। गौरतलब है इससे पहले भी छेड़छाड़ की शिकायतों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट खारिज किया है। यह मशीन सन् 2000 से चलन में है और 2004, 2009 के अलावा 2014 में 107 विधानसभा चुनावों में उपयोग की जा चुकी है।