नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार समेत 13 नेताओं पर से आपराधिक साजिश मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी। दरअसल, बेंच में जस्टिस रोहिंग्टन के न होने से सुनवाई कल तक के लिए टाल दी।
दरअसल, 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार समेत 13 नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। हालांकि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महज टेक्नीकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दी जा सकती और उनके खिलाफ साजिश का ट्रायल चलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च को अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने पूछा था कि क्यों ना लखनऊ और रायबरेली की अलग अलग अदालतों में चल रहे मुकदमों का ट्रायल एक साथ किया जाए। सीबीआई ने भी कोर्ट के सुझाव का समर्थन किया था।
अगर कोर्ट दोनों मुकदमों के एक साथ ट्रायल का आदेश देती हैं, तो आडवाणी और दूसरे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि तब उन्हें आपराधिक साजिश के मुकदमे का भी सामना करना पड़ेगा। इस वक्त विवादित ढांचा विध्वंश को लेकर को लेकर दो मुकदमे लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में चल रहे हैं, लखनऊ का मुकदमा उन कारसेवको के खिलाफ हैं जिन्होंने विवादित ढांचे को गिराया था।
वहीं दूसरी ओर, रायबरेली वाले मामले में आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर जैसे बीजेपी और संघ परिवार से जुड़े लोगों पर उकसाने वाला भाषण देने के लिए आरोपी बनाया गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई 2010 को बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत दूसरे बीजेपी और वीएचपी के नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला हटा लिया गया था। जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस बीच एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि वह जानना चाहते हैं कि आडवाणी, जोशी और उमा भारती के खिलाफ साजिश के आरोप तय होंगे या नहीं। उन्होंने कहा, 'मानहानि की याचिका पर भी निर्णय करेगा जो 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद से लंबित है।