19 Mar 2024, 17:16:09 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

बेगुनाहों की हत्या करने वाले अपने परिवार को भूल जाएं- सुप्रीम कोर्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 21 2017 1:23AM | Updated Date: Feb 21 2017 1:23AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 1996 में दिल्ली के लाजपत नगर में हुए बम ब्लास्ट मामले में दोषी मुहम्मद नौशाद को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि, बेहतर होगा कि बेगुनाहों को मारने वाले अपने परिवारों को भूल जाएं। आतंकी नौशाद ने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की थी।
 
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगर कोई निर्दोष लोगों की हत्या के जघन्य अपराध में शामिल है तो यह बेहतर है कि वह अपने पारिवारिक संबंधों को भूल जाए। 
 
कोर्ट ने कहा, ऐसे लोगों को फैमिली के किसी भी जरूरी काम में शामिल होने के लिए पैरोल या अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए। मामले की सुनवाई करने वाली इस बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और संजय किशन कौल भी शामिल थे। 
 
जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट (जेकेआइएफ) के आतंकी नौशाद ने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। उसकी बेटी की 28 फरवरी को शादी है।  
 
दिल्ली के लाजपत नगर में 21 मई, 1996 को हुए बम ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए थे और 38 घायल हो गए थे। इस मामले में दोषी नौशाद को उम्र कैद की सजा मिली है। नौशाद दो दशक से जेल में है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »