नई दिल्ली। यूपी में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'रमजान और दिवाली पर बिजली' और 'श्मसान और कब्रिस्तान' के बयान पर कांग्रेस ने कड़ा एतराज जताया है। पीएम मोदी ने रविवार को यूपी के फतेहपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। मोदी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि अगर रमजान में बिजली आती है तो दीवाली में भी आनी चाहिए। अब सवाल ये है कि क्या यूपी में धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव होता है?
EC से शिकायत करेगी कांग्रेस
कांग्रेस अब मोदी के इस बयान की चुनाव आयोग में शिकायत करेगी। कांग्रेस नेता केसी मित्तल ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी बेहद निंदनीय है। पार्टी इसके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराएगी।
पीएम का बयान गैर-जिम्मेदाराना
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस पर बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को इस तरह के गलत और गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिएं। आनंद शर्मा ने चुनाव आयोग से भी पीएम के बयान पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
एसपी भी करेगी शिकायत
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि पीएम ने फतेहपुर रैली में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी करेगी।
सोज से भी की आलोचना
वहीं, कांग्रेस नेता सलमान सोज ने भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना की। सोज ने लिखा, यह आदमी गांधी के भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन गया? कब्रिस्तान और श्मशान से पहले हमारे पास खेल मैदान होना चाहिए, जहां हिंदू, मुस्लिम और दूसरे धर्मों के बच्चे एक साथ खेल सकें।
ओवैसी का भी पलटवार
दूसरी तरफ, ऑल इंडिया मजलिस इतिहादुल मुस्लमीन के नेता असुदद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट में लिखा- 400 में एक भी मुसलमान उम्मीदवार नहीं, भेदभाव नहीं होना चाहिए। गोवा में बीफ उपलब्ध, महाराष्ट्र में बीफ बैन, भेदभाव नहीं होना चाहिए। जकिया जाफरी और नजीब की मां को इंसाफ मिलना चाहिए, यह भेदभाव नहीं होना चाहिए। आंगनवाड़ी का बजट माइनस हो गया, देश के मासूम गरीब बच्चों से भेदभाव नहीं होना चाहिए।
लोगों को श्मशान या कब्रिस्तान नहीं रोजी-रोटी चाहिए
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने तो प्रधानमंत्री मोदी पर बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'हिंदू-मुस्लिम के नाम पर जनता को बांटने का नतीजा यह देश एक बार 1947 में देख चुका है। क्या मोदी देश को वहीं वापस ले जाना चाहते हैं?' उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार चाहिए, बेहतर जीवन और रोजी-रोटी चाहिए न कि श्मशान या कब्रिस्तान चाहिए। येचुरी ने मोदी के बयान को
प्रधानमंत्री पद की गरिमा गिराने वाला बताया।
धर्म और जाति के नाम पर भेदभाव?
रैली में पीएम ने सपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार एक ही धर्म के लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली पर भी बिजली मिलनी चाहिए। होली पर बिजली मिलती है तो ईद पर भी बिजली मिलनी चाहिए। जाति धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। ऊंच नीच नहीं होनी चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाना है ना कि भेदभाव करना।