नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज घोषणा की है कि राशन की दुकानों से सस्ता अनाज लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है, सरकार ने उन्हें खाद्य कानून के तहत सब्सिडी वाला अनाज प्राप्त करने के लिए 30 जून तक का समय दिया है। सरकार का इस फैसले के पीछे एक ही मकसद है देश की सारी राशन की दुकानों को पूरी तरह से डिजिटलाइज करना।
सरकार के इस फैसले के मुताबिक कैशलेस सिस्टम से आधार कार्ड्स को लिंक कर दिया जाएगा। अब राशन केंद्रों से सामान लाने के लिए केवल आधारा कार्ड साथ ले जाना पड़ेगा। राशन के आधार कार्ड से लिंक हो जाने पर पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) में घोटाला नहीं हो पाएगा। साथ ही यह भी डेटा उपलब्ध रहेगा कि कितने लोगों ने राशन लिया है। राशन की दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सस्ता अनाज लेने वाले नागरिकों को संबंधित दुकानों पर अपना आधार नंबर दर्ज कराना होगा।
अहम बातें...
सरकार ने राज्यों से कहा कि वे आधार कार्ड को राशन कार्डों के साथ सम्बद्ध करें।-केंद्र ने यह भी कहा कि राज्यों ने जून तक राशन की दुकानों में डिजिटल भुगतान प्रणाली को स्थापित करने का वादा किया है। खाद्य कानून के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को पांच किलोग्राम गेहूं अथवा चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह दो से तीन रुपए प्रति किग्रा की दर से मिलता है।
इससे राजकोष पर 1.4 लाख करोड़ रुपए वार्षिक का बोझ आता है। वर्तमान में करीब 5.27 लाख राशन की दुकानों में से करीब 29,000 उचित मूल्य दुकानों पर नकदी रहित लेनदेन की सुविधा है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडू, दिल्ली और महाराष्ट्र राज्यों ने अपनी राशन दुकानों पर मार्च तक डिजिटल भुगतान प्रणाली शुरू करने का वादा किया है।
ज्यादातर राज्यों में जून तक डिजिटल भुगतान प्रणाली शुरू हो जाएगी। बिहार और उत्तराखंड ने जुलाई तक नकदीरहित प्रणाली स्थापित करने का वादा किया है, जबकि अंडमान और नीकोबार और जम्मू कश्मीर ने वर्ष के अंत तक ऐसा करने का वादा किया है। नोटबंदी की आलोचना करने वाला पश्चिम बंगाल भी जून तक नकदीरहित व्यवस्था बहाल करने को सहमत हुआ है।