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चार्वाक ने कहा- कर्ज लो घी पियो, भगवंतमान होते तो कुछ और पीने को कहते

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 7 2017 12:56PM | Updated Date: Feb 7 2017 2:01PM
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नई दिल्‍ली। बजट सत्र पर चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े चुटीले अंदाज में की। मोदी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का जमकर मजा लिया। उन्होंने कांग्रेस की नीयत राहुल के भूकंप और भगवंत मान के टल्ली होने तक पर कटाक्ष किया। 

अपना पक्ष रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शुरुआती लाइन में ही राहुल गांधी पर चुटकी ली। उन्होंने राहुल गांधी के उस बयान पर व्यंग्य किया जिसमें राहुल ने कहा था कि मैं बोलूंगा तो भूकंप आ जाएगा। मोदी ने कहा कि मैं सोच रहा था कि आखिर भूकंप आया ही क्यों। मोदी ने आगे भी चुटकी लेते हुए कहा कि यदि कोई स्कैम में भी सेवा का भाव ‌देखता है तो धरती मां हिल ही जाती है। 

मालूम हो कि राहुल ने यूपी में एक सभा में स्कैम  शब्द की व्याख्या अपने अनुसार की थी। नरेंद्र मोदी के भूकंप वाले बयान के बाद संसद में हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी पार्टियों ने इस पर खूब हंगामा किया। इसके बाद मोदी बोले- चार्वाक ने कहा जब तक जियो, मौज से जियो। कर्ज लो घी पियो। उस समय #भगवंतमान होते तो शायद कुछ और पीने को कहते। कांग्रेस पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि 'उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि जनतंत्र की ताकत क्या है। 

कांग्रेस का लोकतंत्र एक परिवार तक सीमित है। हर युग में इतिहास को जानने का प्रयास आवश्यक होता है। जब कांग्रेस पार्टी का जन्म भी नहीं हुआ था, तब 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इस देश के लोगों ने लड़ा था। कोई भेद रेखा नहीं थी और तब भी कमल था आज भी कमल है।

सरकार बनने के बाद आज की व्यवस्था को हम जानते हैं। हमने जनता से अपील की थी कि जो अफोर्ड कर सकते हैं वो गैस की सब्सिडी छोड़ दें और इस देश के 1 करोड़ से ज्यादा लोग गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आए। ये देश के सवा करोड़ लोगों की ताकत का परिचय है। पीएम मोदी ने कहा- 'मैं आह्वान करता हूं कि देश की जनशक्ति को पहचानें। हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम करें। हर कोई चाहता है कि गांव, गरीब और किसान को कुछ मिले। 

मैं लाल किले पर से बोल चुका हूं कि हर प्रधानमंत्री का अपना-अपना योगदान है। एक पार्टी है जो भगत सिंह, सावरकर और आजाद का नाम नहीं लेते, लेकिन उनको लगता है कि आजादी सिर्फ एक परिवार ने दिलवाई है और इसलिए जनशक्ति को जोड़कर आगे बढ़ना है। इस सरकार ने सबको जोड़कर एक प्रयास किया है।

 
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