नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास शनिवार रात जगदलपुर भुवनेश्वर एक्सप्रेस का इंजन एवं सात कोचों के पटरी से उतर जाने से 23 लोगों की मौत हो गई। यह साल 2017 का दूसरा बड़ा रेल हादसा है। वहीं पिछले तीन महीने में यह तीसरी बड़ी रेल दुर्घटना है। इन रेल हादसों के बाद मोदी सरकार पर कई सवाल उठ रहे है।
यदि हम यूपीए के 10 साल और मोदी सरकार के 32 महीने के कार्यकाल पर नजर डालें तो परिणाम बेहद चिंताजनक है। मोदी सरकार में अब तक 8 बड़े रेल हादसों में जहां 348 लोगों की मौत हुई है, वहीं यूपीए सरकार में 12 बड़े रेल हादसे हुए, जिसमें 511 लोगों की मौत हुई।
कब कहां हुई रेल दुर्घटना -
यूपीए सरकार के दौरान हुए 10 बड़े रेल हादसे
1. फरवरी 2005 में महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर हो गई थी जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग घायल हुए थे।
2. 21 अप्रैल 2005 को गुजरात में वडोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 78 अन्य घायल हो हुए थे।
3. अगस्त 2008 में सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी गई थी जिसमें 32 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।
4. 14 फरवरी 2009 को (रेल बजट के दिन) हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में 16 लोगों की मौत और 50 घायल हुए थे।
5. 21 अक्टूबर 2009 को उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आखिरी बोगी से टकरा गया था। इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए थे।
6. 28 मई 2010 को पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल भी हुए थे।
7. 19 जुलाई 2010 को पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हुई थी, जिसमें 62 लोगों की मौत और डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
8. 20 सितंबर 2010 को मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस टक्कर में 33 लोगों की मौता और 160 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
9. सात जुलाई 2011 को उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई थी।
10. 30 जुलाई 2012 को भारतीय रेलवे के इतिहास में साल 2012 हादसों के मामले से सबसे बुरे सालों में से एक रहा। इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए। इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं। 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी जिसमें 35 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
11. 28 दिसंबर 2013 को बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी और इसमें 26 लोग मारे गए थे। आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी। उसी साल 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया जिले में 28 लोगों की जान चली गई थी।
12. साल 2014 में एनडीए की सरकार बनने से पहले दो बड़े रेल हादसे हुए। 8 जनवरी को बांद्रा देहरादून एक्सप्रेस के तीन स्लीपर कोचों में आग लगने से चार लोग झुलस गए और पांच लोगों की मौत हो गई। दूसरा 17 फरवरी को नाशिक जिले के घोटी में निजामुद्दीन एर्नाकुलम लक्षद्वीप मंगला एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। तीन यात्रियों की मौत और 37 अन्य घायल हुए थे।
मोदी राज में हुए रेल हादसे
1. 20 नवंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
2. 25 जुलाई 2016 को भदोही इलाके में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन मिनी स्कूल वैन टकरा गई थी। जिसमें 7 स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी। इस वैन में 19 बच्चे सवार थे।
3. 20 मार्च 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे। यह हादसा रायबरेली के बछरावां रेलवे स्टेशन के पास हुई हुआ था।
4. 25 मई 2015 को कौशांबी के सिराथू रेलवे स्टेशन के पास मूरी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। हादसे में 25 यात्री मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
5. 5 अगस्त 2015 में मध्य प्रदेश के हरदा के करीब एक ही जगह पर 10 मिनट के अंदर दो ट्रेन हादसे हुए। इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं। माचक नदी पर रेल पटरी धंसने की वजह से हरदा में यह हादसा हुआ। बता दें कि माचक नदी उफान पर थी। दुर्घटना में 31 मौतें हुईं थी।
6. मई 2014 में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में कोंकण रेलवे रूट पर एक यात्री सवारी गाड़ी का इंजन और छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 20 लोगों की मौत हुई जबकि 124 लोग घायल हुए थे।
7. 26 मई, 2014 को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी को उसी ट्रैक पर टक्कर मार दी। इस हादसे में 22 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
8. 22 जनवरी 2017 में आंध्र प्रदेश में विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास जगदलपुर- भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस (18448) दुर्घटनाग्रस्त होने से 32 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। (इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है)