नई दिल्ली। मोदी सरकार के कामकाज की समीक्षा के लिए उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तय करेंगे कि देश की राजनीति को झकझोर देनेवाले नोटबंदी के मुद्दे पर सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष में से किसका पलडा भारी है। बिहार में विपक्ष के हाथों करारी हार
झेल चुकी भाजपा के लिए खासतौर उत्तरप्रदेश के नतीजे नया जनादेश साबित हो सकता है। भाजपा को यहां पर जीत के पूरे आसार नजर आ रहे हैं लेकिन राजनीति की पारखी उत्तर प्रदेश की जनता सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बीच बढती नजदीकियों पर नजरें गडाए बैठी है।