नई दिल्ली। पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने आयकर दरों में कटौती करने तथा सीमा शुल्क दरों का वैश्विक स्तर पर प्रचलित दरों के साथ तालमेल बिठाने की वकालत की ताकि आर्थिक प्रोत्साहन मिल सके।
नीति आयोग में यह बैठक फरवरी में पेश होने वाले आम बजट से पहले हुई है। बैठक में नोटबंदी के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव की चर्चा नहीं हुई जबकि अर्थव्यवस्था को कम नकदी वाली बनाने के लिए डिजिटलीकरण के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ।
बैठक में अर्थशास्त्रियों ने कई आर्थिक बिंदुओं मसलन कृषि, कौशल विकास और रोजगार सृजन, टैक्स और शुल्क संबंधी मामले, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, आवास, पर्यटन, बैंकिंग आदि पर अपनी राय दी। बैठक में अरण जेटली और अरविंद पनगढ़िया समेत नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने पत्रकारों से कहा, बैठक में कर सरलीकरण पर काफी बात हुई....प्रत्यक्ष कराधान पर। कारपोरेट और व्यक्तिगत आयकर के सरलीकरण, छूटों को कम करने, कर दरों को नीचे लाने, कर प्रणाली का तालमेल बैठाने जिससे भारत को अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के साथ प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
बैठक में उलटे शुल्क ढांचे की समस्या पर सुझाव दिया गया। उलटे शुल्क ढांचा वह स्थिति है जिसमें विनिर्मित वस्तु पर आयात शुल्क उनके विनिर्माण में काम आने वाले कच्चे माल या उपकरणों की तुलना में शुल्क कम होता है।