नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 20 हजार गैर सरकारी संगठन (NGO) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। सभी पर कानून तोड़ने का आरोप है। देश भर में अब मात्र 13,000 NGO ही कानूनी तौर पर वैध है।
FCRA लाइसेंस रद्द होने का मतलब ये हुआ कि ये NGO अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला ग्रह मंत्रालय ने लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जो लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनके डॉक्यूमेंट्स कम्प्लीट नहीं थे। 33 हजार में से पिछले 1 साल में गृह मंत्रालय ने 20000 एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए गए हैं।
गृह मंत्रालय ने NGO के कामकाज की जांच की है। कई NGO पर गलत तरीके से विदेशों से चंदा लेने का भी आरोप है। पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की है। बेदी ने ट्विट कर कहा, 'यह बड़ी सफाई है।
हाल ही में गृह मंत्रालय ने सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी के NGO का पंजीकरण रद्द कर दिया था। सरकार की गैर कानूनी ढ़ंग से चल रहे NGO पर लगातार कार्रवाई जारी है। बता दें कि, दिसंबर की शुरुआत में ही 13 हजार लाइसेंस रिन्यू किए थे।