नई दिल्ली। ओडिशा के कलाम द्वीप तट से भारत ने सोमवार को अग्नि-5 का परीक्षण किया। अग्नि-5 5000 किलोमीटर तक मार सकती है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम भारत की अब तक की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली ये मिसाइल 1000 किलोग्राम तक के आयुध के साथ हमला कर सकती है।
अग्नि-5 चीन और पाकिस्तान के काफी अंदर तक हमला करने में सक्षम है। अग्नि-5 की निर्माण भारत के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने किया है। मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम (एमटीसीआर) का सदस्य बनने के बाद भारत ने पहली बार किसी मिसाइल का परीक्षण किया है।
सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-5 के तीन परीक्षण पहले भी हो चुके हैं। कुछ अन्य परीक्षण के बाद ये भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएगी। वैज्ञानिकों के अनुसार भारत की अग्नि शृंखला की इस अत्याधुनिक मिसाइल से सैन्य रूप से भारत की शक्ति काफी बढ़ जाएगी।
एमटीसीआर में दुनिया के 35 प्रमुख देश सदस्य हैं। एमटीसीआर मानवरहित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों पर निगरानी रखता है। अग्नि-5 की चीन और पाकिस्तान समेत लगभग पूरे एशिया और यूरोप तक हमला करने में सक्षम है।
बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 ठोस प्रोपेलेंट से संचालित होती है। ये मिसाइल किसी भी मौसम और किसी भी भौगोलिक स्थिति में प्रक्षेपित की जा सकती है। अग्नि-5 की लंबाई 17 मीटर है। इसका वजन करीब 50 टन है। ये काफी तेज और अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। अग्नि-5 मिसाइल 'दागो और भूल जाओ' सिद्धांत के तहत काम करती है। इसके बैलेस्टिक पथ के कारण इसे पकड़ना दुश्मन के लिए आसान नहीं होगा।
भारतीय सेना के पास अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइल पहले ही मौजूद हैं। भारतीय सेना के पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी है। इस शृंखला की मिसाइल में अग्नि-1 700 किलोमीटर, अग्नि-2 2000 किमी, अग्नि-3 2500 किमी और अग्नि-4 3500 किमी तक मार कर सकती हैं।
भारत ने अग्नि-5 को 'शांति का अस्त्र' बताया है। भारत ने अग्नि शृंखला की पहली मिसाइल 1989 में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत बनाई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अग्नि-6 का निर्माण अभी आरंभिक चरण में है। अग्नि-6 पनडुब्बी से भी मार करने में सक्षम होगी। माना जा रहा है कि अग्नि-6 8000-10,000 किमी तक मार कर सकेगी।