नई दिल्ली। सरकार स्कूलों में विद्यार्थियों को फेल नहीं करने की नीति आठवीं कक्षा के बजाय पांचवी कक्षा तक सीमित कर सकती है। इससे जुड़े मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को विधि मंत्रालय ने भी हरी झंडी दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मानना है कि फेल नहीं होने का डर नहीं होने से बच्चे अनुशासनहीन हो रहे हैं।
विधि मंत्रालय ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा का अधिकार, 2009 (आईटीई-2009) की धारा 16 को संशोधित कर सकता है। मंत्रालय ने कहा कि किसी भी बच्चे को पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने तक किसी भी कक्षा में अनुत्तीर्ण ना करने या स्कूल से निष्कासित ना करने के प्रावधान पर आपत्ति नजर नहीं आती। मौजूदा प्रावधान में अनुत्तीर्ण ना करने या एक ही कक्षा में बनाए ना रखने की नीति प्राथमिक शिक्षा पूरी करने तक मान्य है।