नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर जनता की समस्याओं को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सामने रखने के लिए विपक्ष के नेता राष्ट्रपति भवन पहुंचे। संसद का शीतकालीन सत्र नोटबंदी पर हंगामे के चलते बेकार चला गया। पूरे सत्र के दौरान इस मुद्दे पर संसद में कोई चर्चा नहीं हुई। वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की पीएम से मुलाकात को लेकर विपक्ष में शामिल कई पार्टियां नाराज हो गईं। जिसके चलते 4 पार्टियों के सांसद राष्ट्रपति से मिलने नहीं पहुंचे।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात की। सरकार नोटबंदी पर चर्चा को तैयार नहीं है। हम लोगों की समस्या सदन में रखना चाहते थे। संसद में गतिरोध के लिए सरकार जिम्मेदार है। नोटबंदी के फैसले से आम आदमी, किसान और मजदूर परेशान हुआ है।
उन्होंने बताया कि पहले तो हमने लोकसभा में नियम 184 के तहत नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की थी। बाद में हम बिना शर्त चर्चा के लिए तैयार थे। लेकिन हमें बोलने नहीं दिया गया। वहीं जेडीयू सांसद राष्ट्रपति से मिलने के बाद शरद यादव ने कहा कि छोटे दुकानदारों, व्यापारियों, किसानों की हालत बिगड़ती जा रही है। हमने राष्ट्रपति के सामने इससे जुड़े कई मुद्दे उठाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात को लेकर नोटबंदी पर एकजुट विपक्ष का कुनबा बिखर गया। दरअसल, कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की पीएम से मुलाकात को लेकर विपक्ष में शामिल कई पार्टियां नाराज हो गईं। आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा किसानों की समस्याओं को लेकर पीएम से मिलने के बाद, आरजेडी, बीएसपी, समाजवादी पार्टी और एनसीपी ने कांग्रेस के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात करने से इनकार कर दिया।