नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कार्यस्थलों पर ईमानदारी ,कड़ी मेहनत और नैतिक मूल्यों की संस्कृति विकसित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत को गरीबी एवं पिछड़ापन दूर करने के लिए बेहतर आर्थिक समृद्धि के प्रयास करने होंगे। कार्यबल में आध्यात्मिकता, मेहतन और समर्पण की संस्कृति विकसित करने की जरूरत बताते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि देश की उन्नति के लिए कठिन परिश्रम करना भी समर्पण है। उन्होंने कहा कि आदिकाल से लेकर आधुनिक युग तक सत्य एवं आध्यत्म से विश्व को राह दिखाने वाले भारत को अब गरीबी और पिछड़ापन दूर करने के लिए आर्थिक समृद्धि के प्रयास करने होंगे।