नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर 450 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है जिसे उन्होंने नकार दिया है और मामले की जांच कराने की बात कही। ये आरोप अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए बनने वाले 2 बांध में 450 करोड़ रुपए के घोटाले का है।
सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों के चीफ विजिलेंस अफसर सतीश वर्मा ने रिजिजू, उनके चचेरे भाई और ठेकेदार गोबोई रिजिजू, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और कॉरपोरेशन के कई अफसरों के खिलाफ 129 पन्नों की रिपोर्ट सीवीसी, सीबीआई और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी है।
हालांकि रिजिजू ने आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि जो न्यूज प्लांट कर रहे हैं, हमारे यहां आएंगे तो जूते खाएंगे। क्या लोगों की सेवा करना भ्रष्टाचार है? रिजिजू का कहना है कि उन्होंने एक स्थानीय ठेकेदार की अर्जी पर ऊर्जा मंत्रालय को खत लिखा था। लेकिन उन्हें किसी घोटाले की जानकारी नहीं है। अगर कोई घोटाला हुआ है तो उसकी गहराई से जांच की जाए। हालांकि रिजिजू ने बाद में अपने इस बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि ऐसा वह गुस्से में बोल गए।