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मोदी ने कहा- नोटबंदी का फैसला किसान, गरीब और देशहित में

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2016 3:41PM | Updated Date: Dec 3 2016 4:39PM
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मुरादाबाद। नोटबंदी के फैसले पर विपक्ष द्वारा केन्द्र सरकार की संसद से सडक तक की जा रही जबरदस्त घेराबंदी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर बड़े नोटों को अमान्य किये जाने के निर्णय को किसान, गरीब और देशहित में करार दिया।  
 
मोदी ने यहां भारतीय जनता पार्टी की परिर्वतन रैली को संबोधित करते हुए कहा "पाई पाई पर सवा सौ करोड़ देशवासियों का हक है। हम तो फकीर आदमी है। झोला लेकर चल देंगे। इस फकीरी ने हमको गरीबी से लडने की ताकत दी है। उन्होंने "जनधन खाताधारियों को आग्राह किया कि वे अपने बैंक खातों से पैसा न निकालें।
 
उनके खाते में जिन लोगों ने अपना पैसा जमा कराया है वह जेल जाएंगे। यह पैसा गरीबों को मिलेगा। दिन रात इसी में दिमाग लगा रहा हूं। भ्रष्टाचार ने सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का किया है लेकिन सरकार के इस कदम से अमीर गरीब के घर लाइन लगाने को मजबूर है, पैर पकड रहा है कि मेरे पैसे अपने खाते में जमा कर लो।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, जनधन खाताधारक डरें नहीं। देखिए वह आपके घर के चक्कर लगायेगा। उनके खाते में पैसे डालने वाले अमीर यदि उनपर ज्यादा दबाव डालें तो उनसे कह देना कि ज्यादा दादागिरी दिखाओगे तो मोदी को चिट्ठी लिख दूंगा।
 
उन्होंने कहा घोषणा करके हिसाब देने वाली पहली सरकार आज आपके चरणों में बैठी है। सरकार पाई-पाई, पल-पल का हिसाब दे रही है। सवा सौ करोड जनता जनार्दन हमारा हाईकमान और नेता है। जो कुछ हैं आप लोग हैं। 
 
मोदी ने कहा कि जो काम 70 साल में नहीं हुआ उसे करने में तकलीफ तो होगी। चुनौतियां थीं, रुकावटें थी, इरादो में भी खोट थी। आम आदमी बेईमानी नहीं चाहता लेकिन स्कूल वाला जब 'आफीशियल' पांच सौ रुपए लेता है और 'अनआफीशियल' 75 हजार मांगता है तो मध्यम परिवार मजबूरन बेईमानी करने लगता है।
 
नोटबंदी से आम आदमी को हो रही कुछ दिक्कतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैं विश्वास दिलाता हूं कि धूप, ठण्ड और तमाम परेशानियां झेलते हुए आप कतार में खडे रहे। सब कुछ सहन किया है। मैं आपकी तपस्या को बेकार नहीं जाने दूंगा। कोई कमी नहीं रहने दूंगा।    
  
उन्होंने कहा कि देश को 70 साल मिट्टी के तेल, गेहूं और चीनी के लिए कतार में खडा किया गया। उन कतारों को खत्म करने के लिए मैंने आखिरी कतार लगवायी है। हमारी सरकार केवल घोषणायें नहीं करती। दरअसल सरकारें योजनायें बनाकर उन्हें लागू करने के लिए होती हैं।
 
मध्य प्रदेश कभी बीमारु राज्य माना जाता था। दस साल में यह बीमारी से मुक्त होकर विकास करने वाले राज्यों की कतार में आ गया है।
उन्होंने कहा, विकास करना है तो हो सकता है। लेकिन जब केवल अपनों का विकास करना है तो राज्य का विकास नहीं हो सकता है।
 
छोटे-छोटे राज्यों की गरीबी दूर करने से देश की गरीबी नहीं दूर होगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से गरीबी दूर करने पर ही देश खुशहाल होगा।   
 
मोदी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा तथा आसपास के जिलों के तहत आने वाले 25 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से आये लोगों को सम्बोधित करते हुए पूछा कि बताइये कि भ्रष्टाचार रहना चाहिये या नहीं। इस पर उपस्थित जनसमुदाय ने जोरदार उदघोष के साथ उनको भ्रष्टाचार को जड से उखाड फेंकने के लिए समर्थन दिया।
 
मोदी ने कहा, उन्होंने पूछा कि क्या भ्रष्टाचार अपने आप जायेगा। उसको डंडा लेकर निकालना पडेगा या नहीं। बेईमान को ठीक करना पडेगा या नहीं। भ्रष्टाचारियों को ठिकाने लगाने पडेगा या नहीं। छापा पडने पर बिस्तर के नीचे करोडो रुपये मिले। यह पैसे किसके हैं। पाई पाई पर देशवासियों का हक है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लडने वाला गुनहगार है क्या। मै हैरान हूं कि मुझे कुछ लोग गुनहगार बता रहे हैं। क्या मेरा यही गुनाह है कि गरीबों का हक छीनने वालों को हिसाब देना पड रहा है। छापा पडने पर बिस्तर के नीचे करोडों रुपये मिले। यह पैसे किसके हैं। पाई-पाई पर देशवासियों का हक है।
 
उन्होंने कहा कि बैंको का राष्ट्रीयकरण गरीबों के नाम पर किया गया है लेकिन उनको बैंक जाने का मौका नहीं दिया गया। हमने गरीबों के खाते की बात की तो लोग मजाक उडाते थे। लालकिले की प्राचीर से एक हजार दिन में 18  हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि अभी यह काम इनमें से आधे गांवों में भी पूरा नहीं हुआ है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की तकलीफ उनकी तकलीफ है। तकलीफ के बाद भी किसानों ने बुआई में कमी नहीं आने दी। जिन लोगों को भ्रम है वे निराशा फैला रहे हैं। इस देश के 65 फीसदी लोग नौजवान हैं। नौजवानों से उन्होंने मोबाइल फोन से खरीद-फरोख्त को बढावा देने में सहयोग करने की अपील की। उनका कहना था कि इससे ईमानदारी के रास्ते खुल जाएंगे। 
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