नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले पर विपक्ष बंट गया है। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के बाद अब कांग्रेस ने भी भारत बंद से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने किसी भारत बंद का आहवान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जन आक्रोश दिवस के तौर पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। बिहार के दरभंगा में सीपीआई (एमएल) कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकरकर नारेबाजी की।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस ने भारत बंद नहीं बुलाया है, बल्कि आक्रोश दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने भारत बंद नहीं बुलाया है क्योंकि इससे जनता को परेशानी होती। हम जन आक्रोश दिवस मना रहे हैं।
माकपा और भाकपा सहित वामपंथी पार्टियों ने सोमवार को नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है, जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस इस बंद में शामिल नहीं होगी और सिर्फ विरोध प्रदर्शन करेगी।
कांग्रेस ने जहां खुद को बंद से अलग कर लिया है। वहीं, जदयू ने 28 नवंबर को विपक्षी पार्टियों की ओर से किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन और 30 नवंबर को पटना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दिए जाने वाले धरने में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नोटबंदी का स्वागत किया है।
ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) भी नोटबंदी के विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लेगा। पार्टी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब वह भ्रष्टाचार और कालाधन के खत्मा का आह्वान कर रहे हैं तब विपक्षी पर्टियां भारत बंद के लिए एकजुट हो रही हैं। मोदी ने कहा था कि सरकार भ्रष्टाचार और कालाधन को समाप्त करने के लिए काम कर रही है, लेकिन विपक्षी पार्टियां भारत बंद के बारे में बात कर रही हैं।