नई दिल्ली। आयकर विभाग ने अपनी अघोषित राशि दूसरों के बैंक खातों में जमा करवाने वालों को आगाह किया है। विभाग ने इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बेनामी लेनदेन कानून के तहत आरोप लगाने का फैसला किया है जिसमें जुर्माना व अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है।
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि विभाग ने 8 नवंबर के बाद उसने अप्रचलित नोटों के संदिग्ध इस्तेमाल को लेकर 80 से अधिक सर्वे व लगभग 30 तलाशियां ली जिनमें 200 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय पकड़ी गई। इस तरह की कार्रवाई में 50 करोड़ की नकदी भी जब्त की गई है। सरकार ने 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा 8 नवंबर को की थी। कर अधिकारियों ने इस तारीख के बाद बैंक खातों में भारी नकदी जमा कराए जाने के मामलों की पड़ताल के तहत देशभर में अभियान चलाया है।
दूसरे के बैंक खातों में जमा करवाने की सजा
अगर दूसरे के बैंक खाते में रकम जमा करवाना साबित हो जाता है तो बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन एक्ट, 1988 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह कानून 1 नवंबर 2016 से लागू हो गया है और चल तथ अचल संपत्तियों पर लागू हो चुका है। उन्हें बैंक खाता धारक और उसके खाते में रकम जमा करवाने वाले से पूछताछ का अधिकार देता है। और विभाग बेनामी कानून के तहत नोटिस जारी करने वाला है।
आयकर विभाग की नजर में आई 200 करोड़ की अघोषित आय
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने अमान्य नोटों की लगभग 30 तलाशी और 80 सर्वे के बाद 200 करोड़ रुपए की अघोषित आय पाई है। 8 नवंबर के बाद से विभिन्न राज्यों से लगभग 50 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो आयकर अधिकारियों ने संदिग्ध बैंक खातों की पहचान के लिए देशव्यापी अभियान चलाया हुआ है।