नई दिल्ली। हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उस वक्त एक बार फिर आमने-सामने आ गए जब सर्वोच्च विधि अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कॉलेजियम द्वारा सरकार को भेजी गयी अब कोई फाइल लंबित नहीं है।
रोहतगी ने चीफ जस्टिस टी.एस.ठाकुर, जस्टिस शिवकीर्ति सिंह और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ को बताया कि चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने नियुक्ति के लिए जो 77 नाम भेजे थे, उनमें से 34 जजों की नियुक्त केंद्र ने कर दी है, जबकि इनमें से 43 जजों पर सरकार ने सहमति नहीं दी।
केंद्र ने यह भी बताया कि सरकार ने कॉलेजियम द्वारा भेजी गईं सभी फाइलें निपटा दी है और उसके पास कोई भी फाइल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने रोहतगी की दलील के जवाब में कहा कि कॉलेजियम जजों की नियुक्ति से संबंधित प्रकिया ज्ञापन (एमओपी) पर 15 नवम्बर को चर्चा करेगा।
जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच काफी वक्त से तकरार चल रही है। पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को झटका देते हुए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था।