प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 अगस्त तक पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी सबसे पहले 21 अगस्त को पोलैंड पहुंचेंगे। जहां वह 21 और 22 अगस्त तक राजकीय यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय के सचिव पश्चिम, तन्मय लाल ने बताया कि, "पीएम नरेंद्र मोदी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर इस सप्ताह 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि भारत का कोई प्रधानमंत्री 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा पर जा रहा है। यह यात्रा तब हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं।"
पोलैंड की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद पीएम मोदी यूक्रेन जाएंगे जहां वह 23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच करीब 30 पहले राजनीतिक संबंध स्थापित हुए थे। उसके बाद से कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन की आधिकरिक यात्रा पर जा रहा है। पीएम मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन और रूस के बीच पिछले ढाई साल से जंग चल रही है।
24 फरवरी, 2022 को शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को दोहराते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा कि केवल बातचीत और कूटनीति से ही संघर्ष का स्थायी समाधान हो सकता है। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने सोमवार को विशेष ब्रीफिंग में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर इस सप्ताह के अंत में शुक्रवार, 23 अगस्त को यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे।" उन्होंने कहा कि, "यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के 30 से अधिक वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा। यह यात्रा नेताओं के बीच हाल ही में उच्च स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी।"
विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के रूस और यूक्रेन के साथ "मजबूत और स्वतंत्र संबंध" हैं और दोनों देशों के साथ ये साझेदारियां "अपने दम पर कायम हैं।" बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकार की शुरुआत में पिछले महीने ही रूस की यात्रा की थी। जो तीसरे कार्यकाल में उनकी पहली यात्रा थी। उससे पहले पीएम मोदी ने 2019 में रूस का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि भारत संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए हर संभव समर्थन और योगदान देने के लिए तैयार है।