अयोध्या राम मंदिर में रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं। यूं तो अरुण योगीराज काफी समय से मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाने के बाद उन्हें एक अलग पहचान मिली। वहीं, एक बार फिर से अरुण चर्चा में हैं, लेकिन इस बार किसी मूर्ति को बनाने को लेकर नहीं बल्कि अमेरिका से वीजा ना मिलने को लेकर खबरों में हैं। दरअसल, अरुण 20 दिनों की यात्रा पर अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अमेरिका से वीजा नहीं दिया गया।
वहीं, इस खबर की पुष्टि खुद अरुण योगीराज ने किया है। वीजा नहीं मिलने की वजह से अरुण और उनके पूरे परिवार में मायुसी है। अरुण 30 अगस्त से लेकर 1 सिंतबर 2024 तक रिचमंड, वर्जीनिया में ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में होने वाले AKKA विश्व कन्नड़ सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले थे। यह 12वां AKKA विश्व कन्नड़ सम्मेलन है। वीजा देने से इनकार करने पर अमेरिका के अधिकारियों की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
मामले में अरुण योगीराज के परिवार का कहना है कि उनकी पत्नी पहले अमेरिका जा चुकी है और अरुण ने भी वीजा से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए थे। बावजूद उन्हें वीजा नहीं दिया गया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अरुण ने सारी तैयारी कर रखी थी, लेकिन वीजा नहीं मिलने से पूरे परिवार में नाराजगी है।
अरुण योगीराज का परिवार कई दशकों से मूर्तिकार का काम कर रहा है। अरुण योगीराज के दादा जी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रह चुके हैं। 1983 में उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था। अरुण के पिता भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे और राज्य पुरस्कार विजेता रह चुके हैं। अरुण भी एक फेमस मूर्तिकार हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाने के बाद उन्हें सबसे ज्यादा ख्याति मिली। उनके इसी योगदान की वजह से उन्हें वैश्विक कन्नड़ कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था ताकि उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जा सके। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अरुण को अमेरिका जाना था, लेकिन अमेरिका ने उनका वीजा अस्वीकार कर दिया।