सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले के शाहपुर में रविवार को सुबह हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र में गम में डुबा दिया। हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ।
रविवार को अवकाश का दिन होने की वजह से शिवलिंग बनाने के लिए बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वे सुबह जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर परिसर के बाजू वाली करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भराभराकर गिर गई। यह दीवार शिवलिंग बना रहे बच्चों के ऊपर सीधी गिरी, जिससे नौ बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में 08 से 15 साल के बच्चे शामिल हैं। इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसके नीचे और दबे बच्चों को निकाला गया। नगर परिषद, पुलिस व नगरवासी राहत कार्य में लगे हुए हैं। सूचना मिलने पर रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे।
इन बच्चों की हुई मौत
ध्रुव पिता जगदीश यादव उम्र 12
नितेश पिता कमलेश पटेल
आशुतोष पिता मानसिंह प्रजापति उम्र 15 वर्ष
प्रिंस पिता अशोक साहू 12 वर्ष
पूर्व पिता फूल कुमार विश्वकर्मा 10 वर्ष
दिव्यांश पिता निलेश साहू 10 वर्ष
देवराय पिता गोविंद साहू 8 वर्ष
वंश पिता यशवंत लोधी 10 वर्ष
हेमंत पिता भूरा जोशी 10 साल
सागर जिले में दीवार गिरने से जान गंवाने वाले 9 बच्चों के परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। साथ ही PM मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी ऐलान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक्स में कहा गया कि सागर में दीवार गिरने से हुई दुर्घटना दिल दहला देने वाली है। इस हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें दुख को सहने की शक्ति दे। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं।
घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए मृतक बच्चों के स्वजन को 04-04 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से फोन पर बात कर घटना का ब्यौरा लिया और घायल बच्चों को उचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए।
जानकारी के मुताबिक मंदिर परिसर के बाजू में पचास साल पुरानी यह दीवार जर्जर हो चुकी थी। इसके बाद भी इसे गिराया नहीं गया। सागर में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। 24 घंटे के अंदर ही यहां 104 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। ऐसे में कच्चे व जर्जर मकानों को खतरा बना हुआ है। मंदिर के पास स्थित भी मिट्टी की दीवार लगातार वर्षा में गिर गई, जिससे यह हादसा हो गया।
हादसे के बाद लोग घायलों को लेकर शाहपुर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं मिला। केवल एक कर्मचारी यहां मौजूद था। इसको लेकर क्षेत्रवालों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। लोगों ने कहा कि यहां जो डॉक्टर हैं, वे कभी-कभार भी आते हैं जो दस्तखत करके चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जब बच्चों को लाया गया तो मरहम-पट्टी करने वाला भी मौजूद नहीं था।